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पुतिन का एक इशारा और एक्टिव हो जाती है 'किलिंग मशीन', धरती-आकाश-समुद्र छोड़िए, दुश्मन का दिमाग तक कर देती है सुन्न

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Posted On:Friday, December 5, 2025

रूस को एक सैन्य महाशक्ति के रूप में जाना जाता है, जिसकी वजह केवल उसके विशाल हथियार भंडार या परमाणु क्षमता तक सीमित नहीं है। रूस की वास्तविक ताकत उसकी बेहद अनुशासित और जटिल कमांड-स्ट्रक्चर में निहित है, जिसे अक्सर रूसी वॉर मशीन कहा जाता है। रूसी सेना की यह संरचना राजनीतिक नेतृत्व, सैन्य प्रशासन, रणनीतिक दिमाग और फील्ड फोर्सेज़—इन चार मुख्य शाखाओं के बीच नियंत्रित समन्वय पर आधारित है।

सेना का सुप्रीम कमांडर: राष्ट्रपति

रूस में सेना का अंतिम और सर्वोच्च नियंत्रण सीधे राष्ट्रपति के हाथों में होता है। रूसी संविधान उन्हें सशस्त्र बलों का सुप्रीम कमांडर-इन-चीफ घोषित करता है। उनकी भूमिका केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि वह सैन्य शक्ति का राजनीतिक केंद्र हैं।

राष्ट्रपति की भूमिकाएँ निम्नलिखित हैं:

  • युद्ध की घोषणा और समाप्ति: राष्ट्रपति ही तय कर सकते हैं कि युद्ध शुरू करना है या रोकना है।

  • सामरिक सैन्य नीति: देश की व्यापक सैन्य नीति, रक्षा योजनाएँ और भावी रणनीतियों का निर्धारण करना।

  • परमाणु हथियारों का उपयोग: परमाणु हथियारों के उपयोग का अंतिम अधिकार राष्ट्रपति के पास होता है।

  • उच्चतम नियुक्तियाँ: सैन्य नेतृत्व और उच्चतम स्तर की सैन्य नियुक्तियाँ भी वही करते हैं।

इस प्रकार, रूस में राजनीतिक अधिकार और सैन्य अधिकार दोनों केंद्रीकृत हैं, और सैन्य फैसलों का अंतिम आदेश हमेशा राष्ट्रपति का होता है।

रणनीतिक निर्णय और सुरक्षा परिषद

राष्ट्रपति के रणनीतिक निर्णयों को ज़मीन पर लागू करने की प्रक्रिया क्रेमलिन में मौजूद सिक्योरिटी काउंसिल (सुरक्षा परिषद) के साथ शुरू होती है। यह परिषद राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सुरक्षा, युद्ध नीति, रक्षा उन्नयन और खुफिया तालमेल जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सलाह देती है।

सुरक्षा परिषद को रूस की सैन्य सुरक्षा नीति का राजनीतिक केंद्र कहा जा सकता है। यह परिषद सुनिश्चित करती है कि सैन्य निर्णय व्यापक राष्ट्रीय हितों और कूटनीतिक लक्ष्यों के अनुरूप हों।

आदेश की श्रृंखला (Chain of Command)

रूसी सैन्य कमान में एक स्पष्ट आदेश की श्रृंखला (Chain of Command) का पालन किया जाता है:

  1. राष्ट्रपति (सुप्रीम कमांडर): सर्वोच्च आदेश जारी करते हैं।

  2. सुरक्षा परिषद: राष्ट्रपति के निर्देशों को रणनीतिक सलाह में बदलती है।

  3. रक्षा मंत्री और जनरल स्टाफ: इसके बाद यह कमांड रक्षा मंत्री या जनरल स्टाफ के पास जाती है, जो इसे परिचालन (operational) स्तर पर लागू करते हैं।

रक्षा मंत्रालय और प्रशासनिक मशीनरी

रूस का रक्षा मंत्रालय सेना की पूरी प्रशासनिक मशीनरी चलाता है। यह संगठन राष्ट्रपति के निर्देशों पर काम करता है और राजनीतिक नेतृत्व तथा सैन्य बलों के बीच एक प्रशासनिक पुल का काम करता है।

रक्षा मंत्रालय के मुख्य कार्य:

  • बजट और संसाधन नियंत्रण: सैन्य बजट और संसाधनों का प्रबंधन।

  • खरीद और लॉजिस्टिक्स: हथियारों और उपकरणों की खरीद, प्रशिक्षण और रसद (लॉजिस्टिक्स) की व्यवस्था करना।

  • प्रशासनिक ढाँचा: सैन्य प्रशासन और संगठनिक ढाँचे को व्यवस्थित रखना।

  • उद्योग समन्वय: रक्षा उद्योग के साथ तालमेल बिठाकर सैन्य ज़रूरतों को पूरा करना।


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