इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में मंगलवार (9 दिसंबर) को एक सात मंजिला इमारत में भीषण आग लगने से कम से कम 17 लोगों की दुखद मौत हो गई। मरने वालों में महिलाएं भी मिल हैं, जिनमें से कुछ की मौत दम घुटने से हुई है। इस भयानक हादसे ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी और दहशत का माहौल पैदा कर दिया।
टेरा ड्रोन इंडोनेशिया का कार्यालय
यह घटना जकार्ता के एक रिहायशी और कारोबारी इलाके में हुई। जिस इमारत में आग लगी, वह कथित तौर पर टेरा ड्रोन इंडोनेशिया (Tera Drone Indonesia) का ऑफिस था। दोपहर के वक्त लगी इस आग ने देखते ही देखते पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। इमारत से उठता हुआ घना काला धुआं आसमान में फैल गया, जिसे देखकर आसपास के लोगों और दफ्तर कर्मचारियों में भगदड़ मच गई। घटना के तुरंत बाद मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई।
मरने वालों में गर्भवती महिला भी शामिल
पुलिस के अनुसार, इस हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य लोग घायल बताए जा रहे हैं। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि मृतकों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है। कुछ पीड़ितों की मौत आग की लपटों के बजाय, घने धुएं के कारण दम घुटने से हुई है।
बचाव कार्य जारी
आग लगने की जानकारी मिलते ही दमकल विभाग की बड़ी संख्या में टीमें तुरंत मौके पर भेजी गईं। हालांकि, तब तक काफी नुकसान हो चुका था। आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसे काबू करने में दमकलकर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। पुलिस ने बताया कि आग की शुरुआत पहली मंजिल पर रखी बैटरियों से हुई थी और यह तेज़ी से फैलते हुए सातवीं मंजिल तक पहुंच गई।
शुरुआत में, इमारत के कर्मचारियों ने खुद आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। आग इतनी तेज़ थी कि आसपास के कार्यालयों में भी दहशत फैल गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमारत के अंदर अभी भी कुछ लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकालने का काम युद्धस्तर पर जारी है। फायर ब्रिगेड की टीम पूरी इमारत की सघन तलाशी ले रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी व्यक्ति अंदर फंसा न रह गया हो।
हाल ही में हॉन्गकॉन्ग में भी हुआ था हादसा
इस दुखद घटना ने कुछ दिन पहले हॉन्गकॉन्ग के ‘ताइ पो’ जिले में हुए एक भयानक हादसे की याद दिला दी, जहां एक रिहायशी कॉम्प्लेक्स में आग लगने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और कई बुरी तरह से घायल हुए थे।
जकार्ता में हुई इस घटना ने एक बार फिर इमारतों की सुरक्षा मानकों, खासकर आग से बचाव के उपायों की समीक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया है। फिलहाल, अधिकारी हताहतों की संख्या और आग लगने के सटीक कारण की जांच कर रहे हैं।