ताजा खबर

इस्लामाबाद से रावलपिंडी तक….आतंकियों ने हर दिन मारे 10 पाकिस्तानी, शहबाज सरकार की रिपोर्ट

Photo Source :

Posted On:Friday, December 5, 2025

पाकिस्तान लगातार आतंकवाद और हिंसा की आग में झुलस रहा है। इस्लामाबाद स्थित थिंक-टैंक CRSS (Centre for Research and Security Studies) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 में देश भर में हिंसक घटनाओं और आतंकी वारदातों में पिछले साल के मुकाबले 25% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस दौरान, जनवरी से नवंबर 2025 तक, पाकिस्तान ने 1,188 हिंसक घटनाएँ दर्ज कीं, जिनमें कुल 3,187 लोगों की मौत हुई। यह आंकड़ा 2024 के 2,546 मौतों के मुकाबले लगभग 20% अधिक है, जिसका मतलब है कि पाकिस्तान में हर दिन औसतन 10 लोग आतंकवाद का शिकार हुए।

हिंसा का सबसे बड़ा और भयावह बोझ देश के दो प्रांतों— खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान— पर पड़ा है, जहाँ कुल मौतों का 96% दर्ज किया गया।

खैबर पख्तूनख्वा: आतंकवाद का सबसे बड़ा केंद्र

खैबर पख्तूनख्वा (KP) 2025 में आतंकवाद का मुख्य गढ़ बना रहा। यह प्रांत कुल हिंसा का केंद्र था, जहाँ कुल मौतों का 68% (2,165 लोग) मारा गया और कुल हिंसक घटनाओं का 62% (732 घटनाएँ) इसी प्रांत में दर्ज हुई।

मारे गए लोगों में आम नागरिक, सुरक्षा बल के जवान और आतंकी तीनों शामिल हैं। ये घटनाएँ ज्यादातर आतंकवादी हमलों और काउंटर-टेरर ऑपरेशन्स के दौरान हुईं। अफगानिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) की बढ़ती सक्रियता ने खैबर पख्तूनख्वा को पाकिस्तान का सबसे खतरनाक इलाका बना दिया है। पाकिस्तानी सरकार ज्यादातर हमलों के लिए TTP को जिम्मेदार ठहराती है।

बलूचिस्तान: दूसरा सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र

बलूचिस्तान में भी स्थिति बेहद खराब रही, जहाँ 896 मौतें हुईं, जो कुल मौतों का लगभग 28% है। इस प्रांत में 366 घटनाएँ हुईं, जो कुल हिंसा का 30% हैं। यहाँ सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमले बढ़े हैं। चिंताजनक बात यह है कि सरकार समर्थित व्यापक ऑपरेशन्स के बावजूद, आतंकी समूहों की ताकत और हमलों को अंजाम देने की क्षमता बनी हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, केवल बलूचिस्तान में ही आतंकियों के हमलों से 517 सुरक्षाकर्मी और नागरिक मारे गए, जो सुरक्षा ऑपरेशन्स में ढेर हुए आतंकियों से 36% ज्यादा है।

सुरक्षा ऑपरेशन्स और राष्ट्रव्यापी खतरा

जनवरी से नवंबर 2025 के बीच पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने 1,795 आतंकियों को मार गिराया, जो कि आतंकी हमलों में मारे गए लोगों से लगभग 30% अधिक है। हालांकि, हिंसा का भौगोलिक वितरण काफी असंतुलित रहा। सिंध, पंजाब, पीओके और इस्लामाबाद समेत बाकी इलाकों में सिर्फ 90 घटनाएँ दर्ज हुईं और 126 मौतें, जो कुल का मात्र 4% है।

इसके बावजूद, विशेषज्ञ आगाह कर रहे हैं कि चरमपंथ की जड़ें पूरे देश में फैल चुकी हैं और खतरा किसी भी वक्त बढ़ सकता है। पाकिस्तान के लिए, आंतरिक सुरक्षा एक गंभीर चुनौती बनी हुई है, जहाँ देश के पश्चिमी प्रांतों में हिंसा का बढ़ता स्तर एक बड़े राष्ट्रीय संकट का संकेत दे रहा है।


लखनऊ और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Lucknowvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.