बांग्लादेश एक बार फिर अराजकता और प्रतिशोध की आग में जल रहा है। इंकलाब मंच के युवा एक्टिविस्ट और प्रखर प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की सिंगापुर में मौत के बाद प्रदर्शनकारियों ने ढाका की सड़कों पर जो तांडव मचाया, उसने देश की कानून-व्यवस्था को पूरी तरह से चरमरा दिया है। विशेष रूप से मीडिया संस्थानों और पत्रकारों को जिस तरह निशाना बनाया गया, वह बेहद चिंताजनक है।
विवादित फेसबुक पोस्ट और जानलेवा हमला
32 वर्षीय उस्मान हादी की मौत को उनके 'एंटी-इंडिया' और 'एंटी-अवामी लीग' रुख से जोड़कर देखा जा रहा है। 12 दिसंबर को ढाका के बिजोयनगर इलाके में जब उन पर हमला हुआ, उससे कुछ ही देर पहले हादी ने अपने फेसबुक पेज पर ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का एक विवादित नक्शा पोस्ट किया था। इस नक्शे में पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों को बांग्लादेश के हिस्से के रूप में दिखाया गया था।
इस पोस्ट के वायरल होने के कुछ ही समय बाद मोटरसाइकिल सवार नकाबपोश हमलावरों ने उनके सिर में गोली मार दी। इसी वजह से प्रदर्शनकारी इस हमले को सीधे तौर पर भारत से जोड़कर देख रहे हैं और इसे एक 'विदेशी साजिश' करार दे रहे हैं।
मीडिया हाउस और पत्रकारों पर भीषण हमला
हादी की मौत की खबर फैलते ही 19 दिसंबर की तड़के ढाका का कारवान बाजार इलाका जंग का मैदान बन गया। भीड़ ने अंग्रेजी अखबार 'द डेली स्टार' और बंगाली अखबार 'प्रोथोम आलो' के दफ्तरों को निशाना बनाया।
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तांडव: प्रदर्शनकारियों ने इमारतों में घुसकर तोड़फोड़ की, फर्नीचर लूटे और पूरे परिसर को आग के हवाले कर दिया।
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पत्रकारों की जान पर बन आई: 'डेली स्टार' की रिपोर्टर ज़ायमा इस्लाम ने सोशल मीडिया पर बेहद भावुक और डरावनी पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा, "मैं अब सांस नहीं ले पा रही हूं... तुम मुझे मार रहे हो।" * रेस्क्यू ऑपरेशन: स्थिति इतनी खराब थी कि सेना को बुलाना पड़ा। सेना के जवानों ने डेली स्टार के 30 से अधिक कर्मचारियों को इमारत की छत से सुरक्षित रेस्क्यू किया।
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संपादकों पर हमला: 'न्यू एज' के संपादक नूरुल कबीर पर भी जानलेवा हमला हुआ, जिससे पूरे पत्रकार जगत में दहशत का माहौल है।
मीडिया को क्यों बनाया गया निशाना?
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि 'द डेली स्टार' और 'प्रोथोम आलो' जैसे अखबार शेख हसीना के शासनकाल के दौरान सरकार समर्थक थे। हादी अवामी लीग के घोर विरोधी थे, इसलिए उनकी मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने उन संस्थानों पर हमला किया जिन्हें वे 'फासीवादी शासन' का हिस्सा मानते थे। इसके साथ ही, प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर्रहमान के घर में भी तोड़फोड़ की।
मोहम्मद यूनुस का संबोधन और भारतीय विरोध
अंतरिम सरकार के प्रमुख डॉ. मोहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए हादी को 'निडर फ्रंटलाइन फाइटर' बताया। उन्होंने फासीवादी ताकतों को जड़ से मिटाने की कसम खाई है। हालांकि, सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी अब खुलेआम “भारतीय हमले को खत्म करो!” और “लीग समर्थकों को मार डालो” जैसे भड़काऊ नारे लगा रहे हैं।