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अमेरिका में 4000 करोड़ का घोटाला, भारतीय मूल के CEO ब्रह्मभट्ट पर लोन फ्रॉड का लगा आरोप

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Posted On:Saturday, November 1, 2025

अमेरिका में एक बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसने वॉल स्ट्रीट के दिग्गजों को भी चौंका दिया है. भारतीय मूल के व्यवसायी बैंकिम ब्रह्मभट्ट पर अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से 500 मिलियन डॉलर (लगभग ₹4000 करोड़) का लोन फ्रॉड करने का सनसनीखेज आरोप लगा है. ब्रह्मभट्ट ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉइस जैसी कंपनियों के मालिक हैं. वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रह्मभट्ट पर यह आरोप है कि उन्होंने फर्जी ग्राहक खातों और नकली राजस्व (Fake Revenue) के दस्तावेज़ तैयार करके अमेरिकी बैंकों से भारी-भरकम कर्ज हासिल किया. इस कथित धोखाधड़ी से प्रभावित होने वालों में वैश्विक एसेट मैनेजमेंट दिग्गज ब्लैकरॉक (BlackRock) की निजी क्रेडिट निवेश शाखा HPS इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स भी शामिल है.

फर्जीवाड़े का तरीका: कागजों पर बनाए 'फर्जी एसेट'

अगस्त 2024 में लेनदारों (Lenders) द्वारा दायर किए गए एक मुकदमे में यह खुलासा किया गया कि ब्रह्मभट्ट ने अपने व्यवसायों की आय और ग्राहक आधार को अत्यधिक मजबूत दिखाने के लिए एक विस्तृत जाल बुना. आरोप है कि उन्होंने गैर-मौजूद राजस्व स्रोतों को कर्ज की गारंटी या गिरवी संपत्ति (Collateral) के रूप में पेश किया.

रिपोर्ट्स बताती हैं कि ब्रह्मभट्ट ने अपनी कंपनियों के खातों में फर्जी इनवॉइस और फर्जी ग्राहक खातों को दर्शाया, और इन मनगढ़ंत आंकड़ों का इस्तेमाल अरबों डॉलर के लोन को सुरक्षित करने के लिए किया. लेनदारों के वकीलों ने इसे "साँस रोक देने वाला" (Breathtaking) फ्रॉड करार दिया है, जिसमें ब्रह्मभट्ट ने ऐसी संपत्तियों की एक विस्तृत बैलेंस शीट तैयार की जो "केवल कागजों पर ही मौजूद थीं."

भारत और मॉरीशस तक रकम ट्रांसफर का संदेह

जांच के दौरान पता चला है कि लेनदारों को जिन ग्राहक ईमेल पतों से इनवॉइस की पुष्टि मिलती थी, वे सभी नकली डोमेन से बनाए गए थे, जो वास्तविक दूरसंचार कंपनियों की नकल करते थे. लेनदारों का आरोप है कि ब्रह्मभट्ट ने उन परिसंपत्तियों को भी ऑफशोर खातों में ट्रांसफर कर दिया, जिन्हें लोन की गारंटी के रूप में गिरवी रखा जाना था. मुकदमे के अनुसार, लोन की रकम का कुछ हिस्सा कथित तौर पर भारत और मॉरीशस जैसे देशों में स्थानांतरित किया गया है. ब्रह्मभट्ट की कंपनियों ने अगस्त 2024 में ही दिवालियापन (Chapter 11 Bankruptcy) के लिए आवेदन कर दिया था, और उसी दिन ब्रह्मभट्ट ने व्यक्तिगत दिवालियापन के लिए भी याचिका दायर की थी.

ब्रह्मभट्ट की तलाश और निजी ऋण बाजार में जोखिम

इस बड़े खुलासे के बाद से बैंकिम ब्रह्मभट्ट की उपस्थिति (Whereabouts) को लेकर भी संदेह गहरा गया है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की टीम जब उनके न्यूयॉर्क स्थित कार्यालय और आवास पर पहुँची, तो दोनों स्थान बंद पाए गए. लेनदारों ने आशंका जताई है कि ब्रह्मभट्ट देश छोड़कर भारत चले गए हैं. हालांकि, उनके वकील ने सभी धोखाधड़ी के आरोपों को निराधार बताया है. यह मामला निजी ऋण बाजार (Private Credit Market) के उस तेजी से बढ़ते सेगमेंट पर गंभीर सवाल उठाता है, जहां निवेशक उच्च-लाभ वाले सौदों को फाइनेंस करने की होड़ में हैं. इस घटना ने इस बाजार में बढ़ती धोखाधड़ी की आशंकाओं और निवेशकों के जोखिमों को उजागर किया है. यह हाई-प्रोफाइल मामला अब अमेरिकी न्यायपालिका और वित्तीय क्षेत्र की सुर्खियाँ बटोर रहा है, जिसके अंतिम परिणाम का इंतजार है.


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