मुंबई, 30 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। यूक्रेन के जापोरिजिया में स्थानीय लोगों की मदद करने जा रहे काफिले पर रूस ने शुक्रवार को मिसाइल हमला किया। यूक्रेनी अफसरों के मुताबिक, हमले में 23 लोगों की मौत हो चुकी है। 28 लोग घायल हैं। इनका इलाज लोकल हॉस्पिटल में चल रहा है। रूस की तरफ से इस इलाके में कुल 16 मिसाइलें दागीं। हमला उस वक्त किया गया, जब यूक्रेन के कुछ लोग अपनों की मदद के लिए जापोरिजिया जा रहे थे। इस हमले की टाइमिंग काफी अहम है। दरअसल, शुक्रवार को ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहांस्क, और खेरसॉन क्षेत्रों के साथ जापोरिजिया को रूस में जोड़ने के लिए माॅस्को में समझौते पर साइन करने जा रहे हैं। रूस ने लॉन्ग रेंज S-300 मिसाइल दागीं।
रूस रेफरेंडम (जनमत संग्रह) हासिल करने के बाद यूक्रेन के 4 हिस्सों- डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जपोरिजिया को ऑफिशियली रूस में मिलाने का फैसला किया है। इसे लेकर मॉस्को में आज कार्यक्रम होगा। रूस का नेशनल मीडिया रेफरेंडम और यूक्रेन के चार हिस्सों को मिलाने के अवसर को जश्न के तौर पर पेश कर रहा है। जापोरिजिया रूस के लिए अहम है। ये उसके कब्जे वाले क्रीमिया से सिर्फ 200 किलोमीटर दूर है। जापोरिजिया से पूरे यूरोप में बिजली सप्लाई होती है। ऐसे में रूसी कब्जा होने के बाद यूक्रेन को रेवेन्यू जनरेट करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इससे यूक्रेन की इकोनॉमी खतरे में आ जाएगी। जपोरिजिया यूरोप का न्यूक्लियर पावर हब है। यहां यूरोप का सबसे बड़ा न्यूक्लियर प्लांट है। इस हिस्से को रूस में शामिल करके पुतिन न सिर्फ यूरोपीय देशों पर एनर्जी सप्लाई रोकने का दबाव बना सकते हैं, बल्कि रूस की एटमी ताकत भी बढ़ा सकते हैं।