दिल्ली में आत्मघाती हमला करने की योजना बनाने वाले और हाल ही में सामने आए आतंकी मॉड्यूल के प्रमुख सदस्य उमर नबी का एक नया वीडियो सामने आया है। यह वीडियो उमर नबी ने अपने घर से निकलते समय बनाया था, जिसमें वह सुसाइड बॉम्बिंग (आत्मघाती बमबारी) और सुसाइड अटैक को सही ठहराता नज़र आ रहा है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को ऐसे कई वीडियो मिले हैं, जिनमें उमर नबी आतंकवाद को सही ठहरा रहा है और बता रहा है कि वह फिदायीन (आत्मघाती हमलावर) कैसे बना।
लगभग 1 मिनट 20 सेकेंड के इस वीडियो में आतंकी उमर कह रहा है कि आत्मघाती हमले को गलत समझा जाता है और इसे लोग अलोकतांत्रिक मानते हैं। वीडियो में उमर नबी कैमरे के सामने अकेले बैठकर बता रहा है कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है और वह सुसाइड अटैक को लेकर मौजूद विरोधाभासों पर किस तरह के तर्क देता है। एनआईए का मानना है कि ये वीडियो आतंकी की विचारधारा और उसकी मनोदशा को समझने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
फरीदाबाद में हुआ था IED को असेंबल
अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े इस आतंकी मॉड्यूल की जांच लगातार आगे बढ़ रही है। जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, उमर नबी, वानी और अन्य संदिग्ध सहित इस मॉड्यूल के कई सदस्य यूनिवर्सिटी के पास एक किराए के कमरे में रहते थे। जांच में खुलासा हुआ है कि इसी कमरे में IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के विभिन्न हिस्सों और अन्य हथियारों को जोड़कर असेंबल किया गया था। मॉड्यूल के सदस्य अपनी खतरनाक योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए आपस में मिलते थे। इसके अलावा, संवाद और निर्देश देने के लिए सिग्नल ऐप पर एक एनक्रिप्टेड चैट ग्रुप भी सक्रिय था, जिसे सुरक्षा एजेंसियों से छिपने के लिए बनाया गया था।
फंडिंग में शामिल थे 3 डॉक्टर
एनक्रिप्टेड चैट ग्रुप को आतंकी उमर नबी ने करीब 3 महीने पहले बनाया था। इस कोर टीम में डॉ. मोजम्मिल शकील गनई, डॉ. अदील अहमद राथर, मुफ़स्सर राथर और मौलवी इरफान शामिल थे। जांच में सबसे बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि इस आतंकी मॉड्यूल को आर्थिक मदद (फंडिंग) तीन डॉक्टरों—डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन शाहिद और डॉ. अदील—की ओर से मिल रही थी। फंडिंग से लेकर हथियारों के प्रबंधन तक में इनकी भूमिका अहम बताई जा रही है। एजेंसियों को यह भी जानकारी मिली है कि 2023 और 2024 में कई बार हथियार एक व्यक्ति से दूसरे तक पहुंचाए गए थे, जिससे इस नेटवर्क की जड़ें व्यापक होने का संकेत मिलता है। जांच एजेंसियां अभी इस पूरे नेटवर्क की और परतें खोलने में जुटी हैं, खासकर फंडिंग और हथियार सप्लाई चेन पर।
यूनिवर्सिटी के दिल्ली ऑफिस पर ED की छापेमारी
दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के दिल्ली स्थित ऑफिस पर भी रेड मारी और सुरक्षा के लिए पैरामिलिट्री फोर्स तैनात कर दी। ED ने यूनिवर्सिटी के ट्रस्टियों, संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। दिल्ली और अन्य जगहों पर करीब 25 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जिससे आतंकी फंडिंग और इसके नेटवर्क को ध्वस्त करने की उम्मीद है।