श्चिम बंगाल में चल रहे विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (Special Electoral Roll Revision - SIR) के दौरान फर्जी या मृत मतदाताओं को शामिल होने से रोकने के लिए चुनाव आयोग (Election Commission - EC) अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया था कि एक ही नाम और फोटो से कई-कई वोट डाले जा रहे हैं, जिससे मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर सवाल उठे थे।
AI कैसे करेगा काम?
चुनाव आयोग AI प्रणाली का उपयोग करके मतदाता डेटाबेस की तस्वीरें स्कैन करेगा।
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चेहरा विश्लेषण: AI सिस्टम मतदाता डेटाबेस में मौजूद तस्वीरों में चेहरों की समानता (Facial Similarity) का विश्लेषण करके, एक ही व्यक्ति के कई स्थानों पर वोट होने की पहचान करेगा।
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उद्देश्य: अधिकारी के मुताबिक, प्रवासी मजदूरों की तस्वीरों के गलत इस्तेमाल की शिकायतों में वृद्धि के कारण AI की मदद ली जा रही है। यह तकनीक उन मामलों का पता लगाएगी, जहाँ एक ही मतदाता की फोटो मतदाता सूची में अलग-अलग जगहों पर दिखाई देती है।
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परिणाम: इस तकनीक से मतदाता सूची को अधिक सटीक और त्रुटि मुक्त बनाने में मदद मिलेगी, जिससे चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी।
BLO पर बनी रहेगी अहम जिम्मेदारी और जवाबदेही
AI तकनीक के इस्तेमाल के बावजूद, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि सत्यापन प्रक्रिया में बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) की अहम भूमिका बनी रहेगी और उनकी जवाबदेही को सख्त बनाया गया है।
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घर-घर सत्यापन: BLO घर-घर जाकर दौरा करते रहेंगे और सीधे मतदाताओं की तस्वीरें लेंगे।
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हस्ताक्षर सत्यापन: यहाँ तक कि जब बूथ लेवल एजेंट (BLA) फॉर्म जमा करेंगे, तब भी BLO को हस्ताक्षर सत्यापन के लिए व्यक्तिगत रूप से घर जाना होगा। BLA फॉर्म भरने की पुष्टि करते हुए मतदाताओं से रिसीविंग लेंगे।
सख्त जवाबदेही के नियम:
आयोग ने इस प्रक्रिया के लिए सख्त जवाबदेही के नियम तय किए हैं। अधिकारी ने बताया कि यदि गणना और फॉर्म भरने के बाद भी कोई फर्जी या मृत मतदाता पाया जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी सीधे संबंधित मतदान केंद्र के BLO की होगी। यानी BLO की जवाबदेही सख्ती से तय की जा रही है।
SIR के दबाव में BLO की आत्महत्या का मामला
SIR की प्रक्रिया की वजह से देशभर में BLO पर काम का भार और दबाव काफी बढ़ गया है। इसी दबाव के कारण केरल के कन्नूर के पय्यान्नूर में BLO अनीश जॉर्ज ने आत्महत्या कर ली है। इस दुखद घटना के बाद, मुस्लिम लीग ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर केरल में SIR को तत्काल रोकने की मांग की है। लीग की याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि SIR प्रक्रिया में शामिल अधिकारी इससे जुड़े अत्यधिक दबाव को झेलने में असमर्थ हैं।
चुनाव आयोग का AI तकनीक का इस्तेमाल मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए एक आधुनिक कदम है, लेकिन साथ ही BLO पर बढ़ते कार्यभार और दबाव को कम करने की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है।