विशाखापत्तनम के डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी क्रिकेट स्टेडियम में भारतीय महिला टीम का दबदबा देखने को मिला। श्रीलंका के खिलाफ खेले गए दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में भारत ने न केवल शानदार जीत दर्ज की, बल्कि तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त भी बना ली है। इस मैच की सबसे बड़ी स्टार रहीं युवा सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा, जिन्होंने अपनी आतिशी पारी से श्रीलंकाई गेंदबाजी आक्रमण को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
टॉस और गेंदबाजों का सटीक वार
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का साहसिक फैसला लिया। भारतीय गेंदबाजों ने कप्तान के भरोसे को सही साबित करते हुए शुरुआत से ही श्रीलंकाई बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा।
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श्रीलंका की पारी: मेहमान टीम निर्धारित 20 ओवरों में 9 विकेट खोकर केवल 128 रन ही बना सकी। श्रीलंका की ओर से हर्षिता समरविक्रमा ने सर्वाधिक 33 रन और कप्तान चामरी अटापट्टू ने 31 रनों का योगदान दिया, लेकिन बाकी बल्लेबाज भारतीय स्पिन और रफ्तार के सामने बेबस नजर आईं।
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भारतीय गेंदबाजी का प्रदर्शन: श्री चरणी भारत की सबसे किफायती और सफल गेंदबाज रहीं, जिन्होंने 4 ओवर में मात्र 23 रन देकर 2 विकेट झटके। वैष्णवी शर्मा ने भी महत्वपूर्ण 2 विकेट अपने नाम किए, जबकि अनुभवी स्नेह राणा और क्रांति गौड़ ने एक-एक विकेट लेकर श्रीलंका को बड़े स्कोर से वंचित रखा।
शेफाली वर्मा का 'तूफान'
129 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के लिए शेफाली वर्मा ने पहले ही ओवर से अपने इरादे साफ कर दिए थे। स्मृति मंधाना (12 रन) के साथ मिलकर उन्होंने पहले विकेट के लिए तेज शुरुआत दी। मंधाना के आउट होने के बाद शेफाली ने जिम्मेदारी संभाली और मैदान के चारों ओर चौकों की बौछार कर दी।
शेफाली की पारी के मुख्य आकर्षण:
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स्कोर: नाबाद 69 रन (मात्र 34 गेंदों पर)
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स्ट्राइक रेट: 202.94
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अर्धशतक: केवल 27 गेंदों में पूरा किया।
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बाउंड्री: 11 चौके और 1 गगनचुंबी छक्का।
शेफाली की इस आक्रामकता का नतीजा यह रहा कि श्रीलंका के गेंदबाज अपनी लाइन और लेंथ पूरी तरह भूल गए। उनका साथ जेमिमा रोड्रिग्स ने बखूबी निभाया, जिन्होंने 15 गेंदों पर 26 रनों की उपयोगी पारी खेली।
एकतरफा जीत और सीरीज पर कब्जा
भारत ने इस लक्ष्य को मात्र 11.5 ओवर में 3 विकेट खोकर हासिल कर लिया। टी20 क्रिकेट के लिहाज से इतनी जल्दी लक्ष्य का पीछा करना भारतीय टीम के बढ़ते आत्मविश्वास और आक्रामक खेल शैली को दर्शाता है। इस जीत के साथ ही भारत ने सीरीज अपने नाम कर ली है, जो आगामी विश्व कप की तैयारियों के लिहाज से एक सकारात्मक संकेत है।
निष्कर्ष
विशाखापत्तनम की पिच पर गेंदबाजों के संयुक्त प्रयास और शेफाली वर्मा की 'पावर-हिटिंग' ने इस मुकाबले को पूरी तरह एकतरफा बना दिया। श्रीलंकाई टीम, जो चामरी अटापट्टू पर अत्यधिक निर्भर है, इस मैच में वापसी करने में पूरी तरह नाकाम रही। अब दोनों टीमों की नजरें सीरीज के आखिरी मुकाबले पर होंगी, जहां भारत क्लीन स्वीप के इरादे से उतरेगा।