वॉशिंगटन/बीजिंग: दुनिया भर में आठ युद्ध और विवादों को खत्म करने का दावा करने वाले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब अपनी राजनयिक सक्रियता को चीन की ओर केंद्रित कर रहे हैं। ट्रंप ने घोषणा की है कि वह अगले साल चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर चीन का दौरा करेंगे। यह कदम ऐसे समय में आया है जब चीन और अमेरिका के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर तनाव बना हुआ है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में ट्रंप ने पुष्टि की कि उनकी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच टेलीफोन पर "बहुत अच्छी बातचीत" हुई। इस वार्ता के दौरान, दोनों नेताओं ने वैश्विक महत्व के मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें यूक्रेन में चल रहा युद्ध भी शामिल था।
ताइवान और शांति प्रयास
जानकारी के अनुसार, शी जिनपिंग ने यूक्रेन में शांति के लिए चीन के समर्थन को दोहराया और उम्मीद जताई कि संघर्ष में शामिल पक्ष अपने मतभेदों को कम करेंगे। चीन के विदेश मंत्रालय ने खुलासा किया कि ट्रंप ने बातचीत के दौरान ताइवान मुद्दे के महत्व को समझने की बात कही। यह मुद्दा अमेरिका-चीन संबंधों में एक संवेदनशील और निर्णायक बिंदु रहा है। गौरतलब है कि ताइवान को लेकर चीन और जापान के बीच गहरा विवाद बना हुआ है। जापान ने हाल ही में मिसाइलें तैनात करने तक की धमकी दी है, जिसके जवाब में चीन ने अपने नागरिकों को जापान यात्रा या वहाँ पढ़ाई के लिए जाने पर रोक लगा दी है।
ट्रंप, जिन्होंने पहले जापान और चीन के बीच विवाद पर आक्रामक टिप्पणी की थी, का यह दौरा दोनों एशियाई शक्तियों के बीच तनाव कम करने और वैश्विक भू-राजनीति में अमेरिका की भूमिका को पुनर्जीवित करने के प्रयासों का हिस्सा हो सकता है। यह दौरा अगले साल वैश्विक कूटनीति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है।