लखनऊ न्यूज डेस्क: यह मामला सुनकर साफ लगता है कि लखनऊ की सड़कों पर देर रात सुरक्षा कितनी कमजोर पड़ जाती है। अंकित बस अपना काम करता हुआ आगे बढ़ रहा था, लेकिन अचानक हुई टक्कर ने उसे परेशानी में डाल दिया। उसने सोचा था कि शायद बात वहीं खत्म हो जाएगी, पर हालात इसके बिल्कुल उलट निकले। जिस युवक ने टक्कर मारी थी, वही कुछ देर बाद पूरी भीड़ के साथ वापस आ गया, जैसे पहले से कोई रंजिश हो।
अंकित ने अपने साथी को बुलाकर मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन इससे पहले कि कोई समझ पाता, हमलावरों का झुंड उस पर टूट पड़ा। लोहे की रॉड, नुकीले हथियार—जिसके हाथ में जो आया, उसी से हमला कर दिया गया। सिर फट गया, हाथ-कमर चोटिल हो गए और दांत तक टूट गए। यह हमला सिर्फ मारपीट नहीं, बल्कि जानलेवा वार जैसा था, जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी।
हमले के बाद अंकित वहीं सड़क पर गिर गया और बेहोश हो गया। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को फोन किया और उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। इंस्पेक्टर महानगर ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और हमलावरों की तलाश चल रही है। लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में लोग 1 बजे रात को कैसे इकट्ठा हो गए और इतनी बेरहमी से किसी पर हमला कर दिया?
इस घटना ने डिलीवरी ब्वॉय और रात में काम करने वालों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जो लोग मेहनत करके घर चला रहे हैं, क्या वे भी अब हर समय खतरे में रहेंगे? पुलिस जांच जरूर कर रही है, लेकिन शहर में ऐसे गिरोहों के हौसले कैसे इतने बढ़ गए—यह भी सोचने वाली बात है।