लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ में साइबर ठगी का एक बड़ा और हैरान करने वाला नेटवर्क पकड़ा गया है। हम बात कर रहे हैं विकास नगर में चल रहे उस फर्जी कॉल सेंटर की, जहां से देश-विदेश में बैठे लोगों को टेक-सपोर्ट के नाम पर ठगा जा रहा था। CBI ने बेहद प्लानिंग के साथ छापा मारकर सरगना विकास कुमार को गिरफ्तार कर लिया और पूरा सेटअप जब्त कर लिया। मौके से 52 लैपटॉप, लाखों की नकदी, मोबाइल और कई डिजिटल उपकरण मिले, जो साफ दिखाते हैं कि यह कॉल सेंटर लंबे समय से बड़े पैमाने पर फ्रॉड कर रहा था।
जांच में पता चला कि यह गिरोह सिर्फ लखनऊ ही नहीं बल्कि दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी इसी तरह के फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। हम देख रहे हैं कि किस तरह कॉल सेंटर में युवाओं को इंटरनेशनल BPO का झांसा देकर भर्ती किया जाता था और फिर ठगी की स्क्रिप्ट देकर विदेशी नागरिकों को कॉल कराया जाता था। वायरस, बैंक अलर्ट, KYC अपडेट, रिफंड—इन बहानों से लोगों का सिस्टम एक्सेस लेकर उनके बैंकिंग और पर्सनल डेटा लूट लिया जाता था।
CBI की टीम ने पांच दिनों तक विकास कुमार की गतिविधियों पर निगरानी रखी। देर रात होने वाली कॉलिंग, संदिग्ध आने-जाने वाले लोग, VOIP सिस्टम, VPN से IP छिपाना—इन सभी बातों ने जांच एजेंसियों को अलर्ट कर दिया था। यही वजह है कि जब छापा पड़ा तो अंदर हाई-टेक उपकरणों से भरा एक पूरा फ्रॉड हब मिला। ठगी में इस्तेमाल होने वाले CRM सॉफ्टवेयर, फर्जी कस्टमर लिस्ट और रिमोट-एक्सेस टूल्स ने इस नेटवर्क की गहराई उजागर कर दी।
CBI अब इस पूरे नेटवर्क की परतें खोलने में जुट गई है। हम देख रहे हैं कि कैसे यह मामला सिर्फ कॉल सेंटर की ठगी तक सीमित नहीं, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग, डेटा चोरी और विदेशों तक फैली गतिविधियों से भी जुड़ा हुआ है। CBI के एक्शन के बाद लखनऊ पुलिस भी पूरी तरह एक्टिव हो गई है और शहर में चल रहे अन्य संदिग्ध कॉल सेंटरों की सूची बनाकर जांच शुरू कर दी है, ताकि आगे किसी को इस तरह के साइबर फ्रॉड का शिकार न होना पड़े।