लखनऊ न्यूज डेस्क: सिगदौनी गांव के किसानों ने अपनी खेती को आधुनिक तरीके से आगे बढ़ाते हुए सेम की फल्ली को बड़ा कारोबार बना लिया है। सब्जियों के साथ-साथ अब यह फसल किसानों के लिए लगातार मुनाफा देने वाला धंधा बन चुकी है। पिछले छह साल से गांव के करीब 20 किसान 30 एकड़ जमीन पर सेम उगा रहे हैं और लखनऊ, कानपुर और फैजाबाद जैसे बड़े शहरों तक इसकी सप्लाई कर रहे हैं। वहां की मंडियों में आलू, भटा, प्याज और टमाटर के साथ सेम की मांग हमेशा बनी रहती है।
जब भास्कर की टीम खेतों में पहुँची, तो लहराती फसल को देखकर किसान अनिल कुमार पटेल और नीरज पटेल ने बताया कि इस काम की शुरुआत उन्होंने अपनी रिश्तेदारी से मिली जानकारी पर की थी। टीला बांदरी में यह फसल देखकर उन्होंने पहले दो एकड़ में प्रयोग किया, और अच्छा लाभ मिलने पर सोनू पटेल, रामपाल, सीताराम, पुष्पेंद्र, शिवचरण और अरविंद जैसे किसान भी इससे जुड़े। आज 45 रुपए प्रति किलो के भाव पर व्यापारी सीधे खेत से ही सेम खरीदकर ले जाते हैं, जिससे किसानों को तुरंत नकद पैसा मिल जाता है।
किसानों ने बताया कि इस फसल में चार बार फल आते हैं और इतनी पैदावार हो जाती है कि लागत और मुनाफा दोनों आराम से निकल जाते हैं। यह चना, मसूर या गेहूं जैसी सामान्य फसलों से कहीं ज्यादा फायदेमंद साबित हो रही है। सबसे अच्छी बात यह है कि घर-परिवार को लगातार रोजगार मिलता है और खेत में पैसा हमेशा घूमता रहता है, जो बाकी खेती के कामों में भी काम आ जाता है।
किसान कहते हैं कि वे दूसरे किसानों को भी इस तरह की खेती अपनाने की सलाह देते हैं, क्योंकि मेहनत कम और फायदा ज्यादा है। कृषि विभाग के अधिकारी भी समय-समय पर गांव आकर सुझाव देते रहते हैं, जिससे उत्पादन और बेहतर होता जा रहा है। इस वजह से आज सिगदौनी की सेम की फल्ली आसपास के जिलों में खास पहचान बना चुकी है।