लखनऊ न्यूज डेस्क: राजधानी में शनिवार से बिजली की नई वर्टिकल प्रणाली लागू हो गई, जिससे अब उपभोक्ता के हर काम की जिम्मेदारी एक ही अफसर पर तय हो गई है। इसका सबसे बड़ा फायदा आम लोगों को यह मिला कि अब उनके इलाके के उपकेंद्र के कर्मचारी घर या दुकान में बिजली चोरी की जांच नहीं कर सकेंगे। अगर कोई कर्मचारी फिर भी जांच के नाम पर घर पहुंचे, तो तुरंत 1912 पर शिकायत की जा सकेगी ताकि सख्त कार्रवाई हो।
शनिवार को मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी रिया केजरीवाल ने नई व्यवस्था का निरीक्षण किया और हुसैनगंज स्थित बिलिंग व कलेक्शन कार्यालय में हालात देखे। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने साफ कहा कि अब बिजली चोरी पकड़ने का अधिकार केवल वर्टिकल के अधिशासी अभियंता (रेड) और पुलिस प्रवर्तन की संयुक्त टीम के पास रहेगा। उन्होंने बताया कि अब बिजली चोरी पर पहले से ज्यादा सख्ती की जाएगी और उपभोक्ताओं को अपने काम के लिए सीधे हेल्प डेस्क पर जाकर शिकायत करनी चाहिए, वरना लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई तय है।
उन्होंने बताया कि वर्टिकल सिस्टम में अब कर्मचारी वही काम करेंगे, जो उन्हें आधिकारिक रूप से सौंपा जाएगा। यानी उपकेंद्र का एसडीओ, जेई या लाइनमैन मनमाने तरीके से किसी भी घर की जांच नहीं कर पाएगा। इसके लिए अलग-अलग अधीक्षण अभियंताओं को जिम्मेदारी दी गई है, ताकि हर कर्मचारी तय दायरे में ही काम करे।
एमडी ने यह भी कहा कि अगर किसी उपभोक्ता को अपनी समस्या के निस्तारण से संतोष नहीं मिलता, तो वर्टिकल कार्यालय के दरवाजे हमेशा खुले हैं। उपभोक्ता सीधे मुख्य अभियंता या अधीक्षण अभियंता से मिलकर अपनी परेशानी बता सकते हैं। एमडी ने कई वर्टिकल कार्यालयों—अमौसी, हुसैनगंज, पुरनिया और मंत्री आवास उपकेंद्र—का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा भी लिया और कर्मचारियों से कामकाज को लेकर बातचीत की।