लखनऊ न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को 13 साल का बच्चा अचानक बिस्तर पर मृत पाया गया। परिवार और पड़ोसियों के अनुसार बच्चा घर में मोबाइल गेम “फ्री फायर” खेल रहा था। बहन को लगा कि वह सो गया है, लेकिन लंबे समय तक कोई प्रतिक्रिया न होने पर उन्होंने मदद मांगी। बच्चे को अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
यह मामला “सडन गेमर डेथ” का उदाहरण है। विश्वभर में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें मोबाइल या कंप्यूटर गेम खेलते-खेलते व्यक्ति की अचानक मौत हो जाती है। इनमें न तो किसी प्रकार की चोट लगती है और न ही किसी तरह की हिंसा होती है। अमेरिकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (NLM) पर प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, 1982 से 2021 तक दुनियाभर में 24 लोग इसी कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें अधिकांश पुरुष थे, उम्र 11 साल से 40 साल के बीच थी और आधे से अधिक मामले साउथ ईस्ट एशिया के देशों जैसे सिंगापुर, मलेशिया और इंडोनेशिया से हैं।
रिसर्च में बताया गया है कि लंबे समय तक लगातार गेम खेलना और कम ब्रेक लेना स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने और गेमिंग के दौरान उच्च ब्लड प्रेशर और तेज़ हार्टबीट होने की वजह से फेफड़ों में थक्का जमना (पल्मोनरी एम्बोलिज्म), मस्तिष्क में ब्लीड (सेरेब्रल हेमरेज) और हृदय की समस्या (कार्डियक एरिथमिया) जैसी जानलेवा स्थितियां पैदा हो सकती हैं।