लखनऊ न्यूज डेस्क: आठ दिन के अंदर दो कैब चालकों की हत्या कर उनकी कार लूटने वाले गिरोह के सरगना गुरुसेवक को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट पर रविवार रात मुठभेड़ में मार गिराया गया। 1.5 लाख रुपये का इनामी बदमाश पुलिस पर फायरिंग कर रहा था, लेकिन जवाबी कार्रवाई में उसकी मौत हो गई। उसके पास से दो असलहे, कई कारतूस और शाहजहांपुर से लूटी गई कार बरामद हुई।
इससे पहले उसके साथी विकास को दुबग्गा चौराहे से गिरफ्तार किया गया था। गुरुसेवक ने शुक्रवार रात अजय नामक साथी के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया था। पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी और रविवार रात उसे हरदोई से शाहजहांपुर जाते हुए देखा गया।
मुठभेड़ के दौरान पुलिस कर्मियों की सुरक्षा उपकरणों ने उनकी जान बचाई। गुरुसेवक की फायरिंग में क्राइम टीम के प्रभारी शिवानंद मिश्रा और हेड कांस्टेबल अतुल पांडेय की बुलेट प्रूफ जैकेट पर गोली लगी। पुलिस ने जवाबी फायरिंग कर उसे मार गिराया, जबकि उसका साथी मौके से फरार हो गया।
गुरुसेवक ने 29 सितंबर को पारा से कैब बुक कर चालक योगेश पाल की हत्या की थी और शव सीतापुर में फेंका था। छह अक्टूबर को उसने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर अवनीश दीक्षित की हत्या और कार लूट की थी। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में दबिश दे रही है।