लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों पर अब कार्रवाई और कड़ी कर दी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले निर्देश के बाद यूपी एटीएस ने नगर निगम को तत्काल सफाई कर्मियों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। आशंका है कि कूड़ा संग्रहण और सफाई में काम कर रहे कुछ कर्मी दूसरे देशों से घुसपैठ कर यहाँ रह रहे हैं। महापौर सुषमा खर्कवाल समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पर पहले ही चिंता जताई थी।
नगर निगम में हजारों लोग अलग-अलग आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से सफाई कार्य में लगे हैं। अकेले लखनऊ स्वच्छता अभियान और लायन एनवायरो में करीब 5,300 सफाई कर्मी और 3,000 डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा लगभग 3,000 कर्मचारी स्थायी और संविदा पर भी हैं। इन सभी का रिकॉर्ड अब दोबारा खंगाला जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक सीएम कार्यालय ने सीधे नाराजगी जताई जिसके बाद एटीएस सक्रिय हुआ।
एटीएस ने पत्र भेजकर आउटसोर्सिंग के तहत काम करने वाले हर कर्मचारी का सत्यापित विवरण मांगा है। लखनऊ नगर निगम से सफाई कर्मियों का नाम, पता, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और ठेकेदारों के नाम सहित पूरी सूची जल्द उपलब्ध कराने को कहा गया है। सभी 8 जोन के जोनल अधिकारियों को डेटा जुटाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। पुलिस कमिश्नरेट ने भी यह जानकारी पाने के लिए निगम से अनुरोध किया है ताकि संदिग्धों की पहचान की जा सके।
सूचना मांगने के बाद एटीएस लगातार नगर निगम के अधिकारियों से संपर्क बना रहा है। नगर निगम का कहना है कि अधिकतर कर्मचारी सीधे उनके पेरोल पर नहीं हैं, इसलिए एजेंसियों के माध्यम से डेटा तैयार किया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि पूरा रिकॉर्ड जल्द एटीएस को सौंप दिया जाएगा ताकि घुसपैठियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए जा सकें।