लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ के राजाजीपुरम में स्थित रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त अस्पताल में जन औषधि केंद्र की असलियत छुपी नहीं रह सकी। समाजसेवियों की शिकायत के बाद मंगलवार को सीएमएस की टीम ने अचानक निरीक्षण किया तो पाया कि जहां सस्ते जेनेरिक दवाओं की बिक्री होनी चाहिए थी, वहीं महंगी ब्रांडेड दवाएं खुलेआम बेची जा रही थीं। यह देखकर टीम भी हैरान रह गई।
अस्पताल में रोज हजार से अधिक मरीज इलाज कराने आते हैं और जन औषधि केंद्र पर सस्ती दवा मिलने की उम्मीद रखते हैं। लेकिन यहाँ स्थिति उलट निकली। नेत्र रोगियों ने जब डॉक्टर द्वारा लिखी दवाएं अस्पताल की फार्मेसी से न मिलने पर जन औषधि केंद्र से खरीदीं, तो उनकी जेब से ज्यादा पैसे निकल गए। इसी वजह से उन्होंने यह बात पार्षदों और समाजसेवियों तक पहुंचाई।
शिकायत मिलते ही सीएमएस डॉ. नीलिमा सोनकर खुद पर्चा और खरीदी दवाएं लेकर केंद्र पर पहुंचीं। काउंटर, फ्रिज और अलमारियों में नामी कंपनियों की दवाएं ठसाठस भरी मिलीं। मरीज भी मौके पर मौजूद रहे, जिन्होंने यह नजारा वीडियो में कैद कर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। इससे पूरे अस्पताल परिसर में हंगामे का माहौल बन गया।
जांच टीम को देखकर वहां बैठी महिला कर्मचारी आपा खो बैठी। उसने खुद को मंत्री का नज़दीकी बताते हुए टीम पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन सीएमएस ने कड़ाई दिखाते हुए उसे फटकार लगाई और नियमों का हवाला दिया। अब पूरा मामला विभागीय स्तर पर जांच में जाएगा और जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय है।