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साइक्लोन मोन्था से चार राज्यों में खतरा बढ़ा, ओडिशा-आंध्र-तमिलनाडु-बंगाल में रेड अलर्ट जारी, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Monday, October 27, 2025

मुंबई, 27 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बंगाल की खाड़ी में बन रहा साइक्लोन ‘मोन्था’ अब तेजी से पूर्वी तट की ओर बढ़ रहा है। इसके असर से ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश और तेज हवाओं का खतरा बढ़ गया है। भारतीय मौसम विभाग ने इन राज्यों के कई जिलों में रेड अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। आंध्र प्रदेश डिजास्टर मैनेजमेंट के प्रमुख प्रखर जैन ने बताया कि साइक्लोन तट के बेहद करीब पहुंच चुका है और तटीय जिलों में बारिश व तेज हवाएं शुरू हो गई हैं। यह लगभग 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और 28 अक्टूबर की शाम या रात को काकीनाड़ा तट से टकरा सकता है। केरल में इस तूफान का असर दिखने लगा है। भारी बारिश और तेज हवाओं के चलते निचले इलाकों में पानी भर गया है, जिससे दो लोगों की मौत हो गई। अलप्पुझा में एक मछुआरे की नाव पलट गई, जबकि एर्नाकुलम में बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हुई। मौसम विभाग ने राज्य के पांच जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

ओडिशा में हालात गंभीर होते जा रहे हैं। सरकार ने तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। राज्य के आठ जिलों—मलकानगिरी, कोरापुट, नबरंगपुर, रायगढ़, गजपति, गंजम, कालाहांडी और कंधमाल—में 128 रेस्क्यू टीमें तैनात की गई हैं। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि राहत केंद्रों में भोजन, दवाइयों, रोशनी और पालतू जानवरों की व्यवस्था की गई है। सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र 30 अक्टूबर तक बंद कर दिए गए हैं। ओडिशा के मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि NDRF, ODRAF और फायर सर्विस की कुल 128 टीमें यानी लगभग पांच हजार कर्मी राहत कार्यों में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि सोमवार से हल्की बारिश शुरू हो चुकी है और 28-29 अक्टूबर के बीच हवा की रफ्तार 80 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। हालांकि यह राहत की बात है कि तूफान तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिससे समुद्र में ऊर्जा जमा नहीं हो पाएगी और नुकसान सीमित रहने की उम्मीद है।

आंध्र प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात कर हालात की जानकारी ली है। कृष्णा, गुंटूर, बापटला और वेस्ट गोदावरी जिलों में अगले दो दिनों तक भारी बारिश की संभावना है, जिसके चलते सोमवार को सभी स्कूल बंद रखे गए हैं। तमिलनाडु में चेन्नई समेत तीन जिलों—रानीपेट, तिरुवल्लूर और कांचीपुरम—में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। पुडुचेरी और विल्लुपुरम में भी बारिश के आसार बने हुए हैं। पश्चिम बंगाल में मंगलवार से शुक्रवार तक कई जिलों—दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, 24 परगना, मेदिनीपुर, बर्धमान, बीरभूम और मुर्शिदाबाद—में भारी बारिश और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की संभावना जताई गई है।

इस बीच, मानसून की आधिकारिक विदाई के बाद भी देश के कई हिस्सों में बारिश का सिलसिला जारी है। 15 अक्टूबर को मानसून के जाने की घोषणा के बावजूद तीन मौसमीय सिस्टम के एकसाथ एक्टिव होने से मध्य और दक्षिण भारत में फिर से बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटों में देश के करीब 90% इलाकों में बादल छाए रहे और कई जगह हल्की से तेज बारिश हुई। मध्य प्रदेश, गुजरात और दक्षिण भारत के राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश दर्ज की गई। पश्चिम विक्षोभ के सक्रिय होने से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि 6 नवंबर के बाद उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी शुरू हो सकती है। वहीं, अरब सागर में बने सिस्टम के कारण गुजरात के कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है। अमरेली जिले के राजुला में सोमवार सुबह दो घंटे में छह इंच बारिश हुई।


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