जम्मू-कश्मीर की प्रमुख राजनीतिक पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के भीतर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और सांसद आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी के बीच जारी तकरार अब एक खुले टकराव का रूप ले चुकी है। सोमवार रात को मुख्यमंत्री की टिप्पणी से नाराज सांसद रुहुल्ला के समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिससे पार्टी के भीतर की दरार और गहरी हो गई है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब नेकां सांसद आगा सैयद रुहुल्ला, जो बडगाम से लोकसभा सांसद हैं, लगातार मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की नीतियों और सरकार के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने यहां तक कि बडगाम उपचुनाव से भी दूरी बनाए रखी है और आरोप लगाया है कि सरकार जनता की भावनाओं के अनुरूप काम नहीं कर रही है।
मुख्यमंत्री की तुलनात्मक टिप्पणी से भड़का विवाद
रविवार को राजौरी-अनंतनाग के सांसद मियां अल्ताफ ने भी मुख्यमंत्री को जनकल्याण के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी थी। इस पर, उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में मियां अल्ताफ को एक वरिष्ठ नेता बताते हुए आगा रुहुल्ला से उनकी तुलना न करने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा, "कहां मियां अल्ताफ और कहां आगा रुहुल्ला, कहां आसमां और कहां जमीन।" मुख्यमंत्री के इस बयान पर आगा सैयद रुहुल्ला के समर्थकों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। रुहुल्ला, जो कश्मीर में शिया समुदाय के एक बड़े वर्ग के धर्मगुरु भी हैं, के समर्थक बांदीपोरा के सोनावारी, नौगाम और अन्य इलाकों में सड़क पर उतर आए और उमर अब्दुल्ला के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि आगा रुहुल्ला की प्रतिष्ठा के खिलाफ कोई भी बात बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस्तीफे की मांग और बडगाम पर पलटवार
इस बीच, उमर अब्दुल्ला के समर्थक विधायकों ने मोर्चा संभाल लिया है। अनंतनाग पश्चिम के विधायक अब्दुल मजीद लारमी ने बागी सांसद आगा रुहुल्ला को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि यदि उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं किया है, तो उन्हें अपनी सांसद की सीट से इस्तीफा दे देना चाहिए और फिर से चुनाव लड़कर अपनी बात साबित करनी चाहिए। लारमी ने यह भी तर्क दिया कि राज्य का दर्जा बहाल हुए बिना बड़े राजनीतिक और आर्थिक फैसले लेना असंभव है, क्योंकि आर्थिक और प्रशासनिक शक्तियां अब केंद्र के पास हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी पलटवार करते हुए कहा कि आगा सैयद रुहुल्ला के बडगाम में प्रचार न करने से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि पार्टी के पास जमीन से जुड़े कई अन्य नेता हैं। उन्होंने रुहुल्ला पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि अगर बडगाम पिछड़ा है, तो इसके लिए वह लोग जिम्मेदार हैं जो 2002 से 2018 तक इसकी नुमाइंदगी करते रहे, जिसका सीधा इशारा आगा रुहुल्ला पर था।
रुहुल्ला की अपील: 'अहम' से ऊपर उठकर काम करे नेतृत्व
जवाब में, आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी ने मुख्यमंत्री और उनके समर्थकों पर पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व को व्यक्तिगत अहंकार (Ego) से ऊपर उठकर जम्मू-कश्मीर के लोगों की तकलीफों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर के मुद्दे व्यक्तिगत अहंकार से कहीं अधिक बड़े हैं। रुहुल्ला ने सरकार पर राजनीतिक निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार आरक्षण, राजनीतिक कैदियों और धर्म-संस्कृति पर हो रहे हमलों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चुप है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने बगावत नहीं की है, बल्कि लोगों द्वारा दिए गए जनादेश के आधार पर जवाबदेही की मांग की है।