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Monsoon 2025: जमकर बरसे बदरा, हिमाचल में तबाही; दिल्ली कब पहुंचेगा मानसून?

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Posted On:Thursday, June 26, 2025

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में 25 जून को बादल फटने की घटना के बाद इलाके में भारी तबाही मची हुई है। इस आपदा ने बाढ़ और भूस्खलन जैसी गंभीर स्थिति पैदा कर दी है, जिससे स्थानीय लोगों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हुई है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण मनाली, बंजार और मणिकरण घाटी के कई हिस्सों में ब्यास और सतलुज नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे नदियाँ उफान पर आ गई हैं। कांगड़ा जिले में भी बादल फटने से 20 मजदूर पानी में बह गए, जिनमें से अब तक 2 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि बाकी का अभी पता नहीं चल पाया है।

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ का कहर

हिमाचल में मौसम विभाग ने 28 जून तक कई इलाकों में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कुल्लू जिले में चार अलग-अलग जगहों पर बादल फटे हैं, जिससे व्यापक नुकसान हुआ है। धर्मशाला के खनियारा क्षेत्र में भी बादल फटने से कई वाहन बह गए, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया। खराब मौसम और बाढ़ के कारण लगभग 2000 से अधिक पर्यटक स्थानीय इलाकों में फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए बचाव कार्य चल रहे हैं।

इस बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति ने न केवल स्थानीय लोगों की जान-माल को खतरे में डाला है बल्कि पर्यटन पर भी बुरा असर डाला है, जो इस क्षेत्र की मुख्य आर्थिक गतिविधि है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में आपातकालीन सेवाएं सक्रिय कर दी हैं और राहत कार्यों को तेज कर दिया है।


मानसून की सक्रियता और अन्य राज्यों की स्थिति

देश के कई तटीय राज्यों में मानसून की सक्रियता जारी है। कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में मानसून की अच्छी बरसात हो रही है। बिहार में येलो अलर्ट जारी किया गया है और वहां हल्की-फुल्की बारिश हो रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी मानसून ने प्रवेश किया है।

इन इलाकों में बारिश के कारण तापमान में गिरावट देखी जा रही है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिल रही है। हालांकि, इन राज्यों में जलभराव और बाढ़ की संभावना को देखते हुए सावधानी बरतने की सलाह भी दी गई है।


राजस्थान और गुजरात में बाढ़ की स्थिति

गुजरात के सूरत शहर में पिछले दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है। सोमवार को यहां 7 इंच तक बारिश दर्ज की गई, जिससे जलभराव की स्थिति बन गई है। बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है। सूरत में 2006 में भी इसी प्रकार की जलजमाव की स्थिति बनी थी, जो कि अब फिर से दोहराई जा रही है।

राजस्थान के माउंट आबू समेत कई इलाकों में भी भारी बारिश हुई है। यहां की नदियां उफान पर हैं और जलस्तर बढ़ने के कारण स्थानीय निवासियों में चिंता व्याप्त है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है और राहत कार्यों को प्राथमिकता दी गई है।


दिल्ली-NCR में मानसून की देरी

दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में पिछले दो दिनों से नमी बढ़ी हुई है, जिससे लोगों को उमस का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, मौसम विभाग ने 24 से 25 जून के बीच मानसून के पहुंचने की संभावना जताई थी, लेकिन अभी तक यहां बारिश नहीं हुई है। राजधानी में तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है, जिससे लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में मानसून के आने में कुछ दिन और लग सकते हैं, लेकिन इस बार मानसून सामान्य से थोड़ा देर से शुरू हुआ है। आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावना बनी हुई है, जिससे उमस और गर्मी में कमी आएगी।


प्रशासन की सतर्कता और राहत कार्य

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और कांगड़ा जिलों में आपदा के बाद प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम लगातार प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्य कर रहे हैं। घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है, वहीं फंसे हुए पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य जारी है।

रास्तों में हुए भूस्खलन को हटाने के लिए भारी मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है ताकि यातायात बहाल किया जा सके। प्रदेश सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए आर्थिक सहायता और राहत सामग्री भेजी है। साथ ही, भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन की रणनीतियों पर भी काम शुरू किया गया है।


निष्कर्ष

कुल्लू में बादल फटने और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने प्रदेश के कई हिस्सों में तबाही मचा दी है। ब्यास और सतलुज नदियों के उफान के कारण व्यापक नुकसान हुआ है, वहीं कांगड़ा जिले में मजदूरों के बह जाने की दुखद घटना सामने आई है। पूरे प्रदेश में बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन लगातार बारिश और खराब मौसम की वजह से स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

देश के अन्य हिस्सों में मानसून की सक्रियता से लोगों को राहत मिल रही है, लेकिन कुछ इलाकों में बाढ़ और जलभराव की स्थिति बनी हुई है। दिल्ली-NCR में अभी मानसून पहुंचने में देरी हो रही है, जिससे गर्मी और उमस बनी हुई है।

प्रदेश और केंद्र सरकार को मिलकर आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से जारी रखना होगा ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं के लिए बेहतर तैयारी की जा सके।


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