राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उससे सटे नोएडा में ठंड ने अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी है। रविवार की सुबह न्यूनतम तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन की अब तक की सबसे ठंडी सुबह रही। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण आज, सोमवार (27 अक्टूबर) की सुबह आसमान में हल्के बादल छाए रहे, जिससे मौसम के मिजाज में बदलाव आया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने संकेत दिए हैं कि आज शाम और कल, मंगलवार को हल्की बारिश हो सकती है। यदि ऐसा होता है, तो दिल्ली-एनसीआर के तापमान में और गिरावट आएगी और ठंड का प्रकोप बढ़ सकता है।
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, 27 अक्टूबर से 29 अक्टूबर की सुबह तक एक पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उससे जुड़े उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सक्रिय रहने वाला है। इस विक्षोभ के असर से आज और 28 अक्टूबर तक दिल्ली के आसमान में बादल छाए रहेंगे और एक या दो बार बहुत हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि अगर प्राकृतिक रूप से बारिश नहीं होती है, लेकिन बादल छाए रहते हैं, तो दिल्ली सरकार 29 अक्टूबर को कृत्रिम बारिश कराने की अपनी तैयारियों पर विचार कर सकती है।
ला नीना के चलते कड़ाके की ठंड की आशंका
मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार ला नीना की सक्रियता के कारण उत्तर भारत में सामान्य से अधिक ठंड पड़ने की संभावना है। अनुमान है कि दिसंबर से मार्च तक हाड़ कंपाने वाली सर्दी पड़ेगी। दिल्लीवासियों को इस बार नवंबर माह से ही अच्छी-खासी ठंड महसूस होने लगेगी। एक नवंबर के बाद सुबह और शाम के समय धुंध (Fog) छाने के आसार हैं, जिससे न्यूनतम तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी। फिलहाल, न्यूनतम तापमान में लगातार कमी आ रही है, और यह ट्रेंड ठंड बढ़ने के साथ जारी रहेगा।
बर्फीली हवाएं और तापमान में गिरावट
अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज होने का अनुमान है। बीते दिन अधिकतम तापमान 33.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था, जिसके एक नवंबर तक गिरकर 28 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है। पश्चिमी विक्षोभ के असर से पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी होने के भी आसार हैं। यदि पहाड़ों पर बर्फबारी होती है, तो उत्तर के मैदानी इलाकों में बर्फीली हवाएं चलेंगी, जिससे ठंड में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। IMD के अनुसार, 30 अक्टूबर तक आसमान में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश की संभावना है, जिससे एक नवंबर तक दिल्ली और नोएडा में मौसम ठंडा और खराब बना रहेगा।
खराब हुई दिल्ली की हवा की गुणवत्ता
ठंड बढ़ने के साथ-साथ दिल्ली की वायु गुणवत्ता भी खराब हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, आज सोमवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 315 रिकॉर्ड किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है। राजधानी के लगभग 15 इलाकों में AQI 300 से 400 के बीच बना हुआ है। वायु प्रदूषण की इस गंभीर स्थिति को देखते हुए लोगों को GRAP-1 और GRAP-2 के नियमों का पालन करने और प्रदूषण से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।