बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी राजनीतिक यात्रा, संघर्ष, पार्टी की मेहनत और भविष्य की योजनाओं को लेकर कई अहम बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि कैसे वर्षों की निरंतर मेहनत और कठिन परिस्थितियों में भी संघर्ष करते रहने से आज पार्टी को यह बड़ा जनाधार मिला है।
चिराग पासवान ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास ने अपने सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 2009 में उनके पिता रामविलास पासवान खुद चुनाव हार गए थे, और उस समय पार्टी के पास संसद से लेकर विधानसभा तक कोई प्रतिनिधित्व नहीं था। उस दौर में पार्टी लगभग खत्म होने की कगार पर पहुंच चुकी थी। लेकिन उसके बाद एलजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट हासिल कर फिर से अपनी पहचान कायम की।
चिराग कहते हैं कि 2020 में उन्होंने अकेले चुनाव लड़ा, लेकिन परिणाम उनके पक्ष में नहीं आए। वे खुद पटना में चुनाव प्रचार के दौरान मौजूद भी नहीं रह पाए, क्योंकि उनके पिता गंभीर रूप से बीमार थे और कोविड काल में अस्पताल में भर्ती थे। इसके बावजूद उन्होंने चुनाव लड़ा और 6 प्रतिशत वोट हासिल कर पार्टी को जीवित रखा। इस संघर्ष काल में कई लोगों ने उनका मजाक उड़ाया, लेकिन वे अपनी कोशिशों से संतुष्ट थे। उनका कहना है कि अगर 2024 में वह यह मान लेते कि अब 5 सांसद जीत गए हैं और उन्हें अब मेहनत की जरूरत नहीं, तो यह उनकी राजनीति का पतन होता। इसलिए वे लगातार काम करते रहे और पार्टी को मजबूत बनाते रहे।
तीन बड़ी घोषणाएँ—स्थापना दिवस, बिहार यात्रा और दलित सेना का पुनर्गठन
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिराग पासवान ने तीन महत्वपूर्ण जानकारी दी:
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28 नवंबर को पार्टी स्थापना दिवस
चिराग ने बताया कि 28 नवंबर को एलजेपी (रामविलास) अपना स्थापना दिवस बड़े पैमाने पर मनाएगी। आयोजन को लेकर विस्तृत जानकारी जल्द साझा की जाएगी।
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नए वर्ष पर ‘बिहार यात्रा’ की शुरुआत
उन्होंने घोषणा की कि अगले वर्ष की शुरुआत में पार्टी के सभी विधायक और नेता बिहार भर की यात्रा पर निकलेंगे। यह यात्रा जनता से सीधे संवाद करने और उनकी समस्याओं को समझने पर केंद्रित होगी। उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए जनता की राय और उनकी जरूरतें सबसे महत्वपूर्ण होंगी।
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दलित सेना का पुनर्गठन
चिराग ने कहा कि दलित सेना, जो एक समय पार्टी की रीढ़ हुआ करती थी, उसे पार्टी से अलग कर दिया गया था। यह स्वीकार्य नहीं है। इसलिए अब दलित सेना रामविलास का फिर से गठन किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए पार्टी सांसद अरुण भारती को नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि इसका औपचारिक ऐलान बहुत जल्द किया जाएगा।
तेजस्वी यादव पर चिराग का सीधा हमला
चिराग पासवान ने इस दौरान विपक्ष—विशेषकर तेजस्वी यादव—पर सीधा राजनीतिक हमला बोला। उन्होंने कहा कि आरजेडी की दूसरी पीढ़ी में अभी तक वह काबिलियत दिखाई नहीं देती, जो पार्टी को मजबूत नेतृत्व दे सके। चिराग ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी लगातार हार का सामना कर रही है, जबकि उनके माता-पिता के समय पार्टी मजबूत स्थिति में थी। चिराग का कहना है कि कठिन परिस्थितियाँ ही किसी नेता की असली पहचान बनाती हैं। अगर नेता संघर्ष से भागते हैं, तो उनकी काबिलियत पर सवाल उठना स्वाभाविक है।