अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डी.सी. में व्हाइट हाउस से कुछ ही दूरी पर बुधवार शाम को हुई गोलीबारी की घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। इस हमले में दो नेशनल गार्ड सैनिकों को गोली लगी, जिसके बाद हमलावर को मौके पर ही काबू कर लिया गया। एफबीआई (FBI) ने हमलावर की पहचान 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लाकनवाल के रूप में की है।
इस आतंकी घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में अफगानों की एंट्री रोकने की घोषणा की है। ट्रंप ने इस हमले को आतंकी घटना करार दिया और चेतावनी दी कि इस घटना में शामिल सभी लोगों को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। हमलावर के बारे में जो नई जानकारी सामने आई है, वह बेहद चौंकाने वाली है।
🪖 हमलावर की चौंकाने वाली पृष्ठभूमि: अफगानिस्तान का पूर्व सैनिक
जांच में पता चला है कि हमलावर रहमानुल्लाह लाकनवाल अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका आया था, जब अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से बाहर निकल रही थी।
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शरणार्थी दर्जा: उसने 2024 में अमेरिका में शरणार्थी का दर्जा प्राप्त करने के लिए आवेदन किया, जिसे इसी साल मंजूरी मिली।
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सैन्य संबंध: जानकारी के मुताबिक, लाकनवाल पहले अफगानिस्तान की पूर्व गणराज्य में 01 यूनिट में सैनिक के रूप में तैनात था। यह यूनिट विशेष रूप से अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की ओर से स्थापित, प्रशिक्षित और सुसज्जित की गई थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस 01 यूनिट के कई सदस्य वर्तमान में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिसके कारण कभी-कभी आत्महत्या और दूसरों पर हमले जैसी हिंसक घटनाएं सामने आती रही हैं। लाकनवाल की पृष्ठभूमि और मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर जांच एजेंसियां अब गहनता से पड़ताल कर रही हैं।
घटनाक्रम: फैरागट वेस्ट मेट्रो स्टेशन के पास हमला
गोलीबारी की यह घटना फैरागट वेस्ट मेट्रो स्टेशन के पास, वॉशिंगटन डी.सी. के एक व्यस्त इलाके में हुई।
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हमले का समय: लाकनवाल कुछ समय तक वहीं इंतजार करता रहा और लगभग 2:15 बजे अचानक गोलीबारी शुरू कर दी।
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पहला शिकार: न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, लाकनवाल ने सबसे पहले एक महिला गार्ड को सीने और फिर सिर में गोली मारी।
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जवाबी कार्रवाई: इसके बाद उसने दूसरे गार्ड पर फायर किया। उसी समय पास ही मौजूद तीसरे गार्ड ने लाकनवाल पर चार गोलियां चलाईं और उसे सफलतापूर्वक काबू कर लिया गया।
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हमलावर की स्थिति: गंभीर रूप से घायल हमलावर को लगभग बिना कपड़ों के एम्बुलेंस में ले जाया गया।
ट्रंप का कड़ा निर्देश और आतंकी जांच
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट इस पूरे मामले को एक आतंकवादी हमले के तौर पर जांच रहा है। हमले के बाद, राष्ट्रपति ट्रंप ने पेंटागन को तत्काल निर्देश दिया कि वॉशिंगटन डी.सी. में सुरक्षा बढ़ाने के लिए 500 अतिरिक्त नेशनल गार्ड्स भेजे जाएं।
ट्रंप ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नेशनल गार्ड के सैनिकों पर हमला करने वाला आरोपी इसकी भारी कीमत चुकाएगा। यह घटना अफगानिस्तान से लाए गए शरणार्थियों की गहन सुरक्षा जांच और पृष्ठभूमि सत्यापन की आवश्यकता पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करती है।