अमरावती, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के अमरावती जिले में शादी समारोह के दौरान एक बेहद दर्दनाक और हृदय विदारक घटना सामने आई है, जिसने हंसी-खुशी के माहौल को 30 मिनट के भीतर ही मातम में बदल दिया। जयमाला (वरमाला) की रस्म पूरी होने के ठीक आधे घंटे बाद, दूल्हे की स्टेज पर ही दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने से मौत हो गई। यह दुखद घटना अमरावती जिले के वरुड तालुका के पुसला गांव में हुई। जानकारी के मुताबिक, पुसला गांव के कोतवाल अमोल गोड की शादी का दिन 26 नवंबर को तय हुआ था। अमोल ने धूमधाम से अपनी शादी की शुरुआत की। वर और वधू खुशी-खुशी स्टेज पर आए और एक-दूसरे को वरमाला पहनाई।
वरमाला के तुरंत बाद आया जानलेवा हार्ट अटैक
वरमाला की रस्म पूरी होने के बाद, अमोल गोड को अचानक बेचैनी महसूस होने लगी। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, वह स्टेज पर ही गिर पड़े। शादी के जश्न में डूबे परिजन और मेहमान तुरंत हरकत में आए और बिना समय गंवाए दूल्हे को नजदीकी अस्पताल ले गए।
हालांकि, अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने अमोल गोड को मृत घोषित कर दिया। शुरुआती जांच में डॉक्टरों ने दूल्हे की मौत का कारण अचानक आया हार्ट अटैक बताया है। पल भर में खुशियों से भरा माहौल गम और सन्नाटे में बदल गया। जिस दिन अमोल को अपनी नई ज़िंदगी शुरू करनी थी, वही दिन उनकी ज़िंदगी का आखिरी दिन बन गया। इस अप्रत्याशित और अचानक हुए हादसे से दोनों परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है और गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। रिश्तेदारों ने अमोल को शादी की शुभकामनाएं दी थीं, लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि नियति ने उनके लिए कुछ और ही लिख रखा है। बेटे और बेटी, दोनों के परिवारों में इस वक्त मातम पसरा हुआ है।
पहले भी सामने आई हैं ऐसी घटनाएं
हंसते-खेलते या जश्न के दौरान अचानक हार्ट अटैक आने की यह पहली घटना नहीं है। पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जो युवा और स्वस्थ दिखने वाले लोगों में हृदय संबंधी समस्याओं के बढ़ते खतरे को उजागर करते हैं:
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फरवरी में मध्य प्रदेश की घटना: इसी साल फरवरी में मध्य प्रदेश में एक शादी समारोह में नाचते हुए एक युवती की मौत हो गई थी। वह अपनी चचेरी बहन की हल्दी सेरेमनी में नाच रही थी, जब वह अचानक गिर पड़ी। पहले लोगों ने इसे मामूली घटना समझा, लेकिन जब उसे होश नहीं आया, तो डॉक्टर के पास ले जाया गया। डॉक्टरों ने युवती को हार्ट अटैक आने के कारण मृत घोषित कर दिया था।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि तनाव, अनियमित जीवनशैली और शायद पहचान में न आए हृदय रोग के कारण ऐसी दुखद घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जो उत्सव के पलों को भी मातम में बदल देती हैं।