द्रिक पंचांग के अनुसार, आज 10 नवंबर 2025, सोमवार को मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तिथियां और नक्षत्र विशेष संयोग बना रहे हैं। यह दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होने के कारण धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
तिथि, नक्षत्र और दिशा शूल
आज सुबह 12 बजकर 8 मिनट तक कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि रहेगी, जिसके बाद सप्तमी तिथि का आरंभ हो जाएगा। सप्तमी तिथि अगले दिन सुबह तक प्रभावी रहेगी। नक्षत्रों की बात करें तो इस समय पुनर्वसु नक्षत्र चल रहा है। यह नक्षत्र शाम 06 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। जैसे ही पुनर्वसु नक्षत्र का समापन होगा, उसके तुरंत बाद पुष्य नक्षत्र का आरंभ हो जाएगा। पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष में अत्यंत शुभ और सिद्धियों को प्रदान करने वाला माना जाता है, इसलिए शाम के बाद किए गए कार्य विशेष फलदायी होंगे। आज पूरे दिन पूर्व दिशा शूल प्रभावी रहेगा, इसलिए यदि अति आवश्यक न हो तो पूर्व दिशा की यात्रा करने से बचें।
सूर्योदय, सूर्यास्त और चंद्र गणना
आज के दिन सूर्य और चंद्र की स्थिति इस प्रकार है:
| विवरण |
समय |
| सूर्योदय |
सुबह 06:40 बजे |
| सूर्यास्त |
शाम 05:30 बजे |
| चन्द्रोदय |
रात 10:15 बजे |
| चन्द्रास्त |
अगले दिन सुबह 11:47 बजे |
शुभ-अशुभ योगों का प्रभाव
आज 10 नवंबर 2025 को कुल 6 योगों का निर्माण हो रहा है, जिनमें कई शुभ और कुछ अशुभ योग शामिल हैं।
| योग का नाम |
समय अवधि |
प्रकृति |
| साध्य योग |
प्रात: काल से दोपहर 12:04 मिनट तक |
शुभ |
| शुभ योग |
दोपहर 12:04 मिनट के बाद कल सुबह तक |
अत्यंत शुभ |
| आडल योग |
शाम 06:48 मिनट से अगले दिन सुबह 06:41 मिनट तक |
शुभ |
| रवि योग |
शाम 06:48 मिनट से अगले दिन सुबह 06:41 मिनट तक |
शुभ |
| सर्वार्थ सिद्धि योग |
शाम 06:48 मिनट से अगले दिन सुबह 06:41 मिनट तक |
सभी कार्यों में सिद्धि देने वाला |
| विडाल योग |
सुबह 06:40 बजे से शाम 06:48 मिनट तक |
अशुभ (सावधानी आवश्यक) |
नवग्रहों की आज की स्थिति
नवग्रहों की स्थिति का प्रभाव दिनभर की ऊर्जा और वातावरण पर पड़ता है:
-
मंगल और बुध ग्रह: वृश्चिक राशि में युति
-
शनि ग्रह: मीन राशि में
-
केतु ग्रह: सिंह राशि में
-
चंद्र ग्रह: मिथुन और कर्क राशि में संचार करेगा
-
राहु ग्रह: कुंभ राशि में
-
देवगुरु बृहस्पति ग्रह: कर्क राशि में
-
शुक्र और सूर्य ग्रह: तुला राशि में युति
करण का प्रभाव
आज दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक गर करण रहेगा। गर करण के समाप्त होते ही वणिज करण का आरंभ होगा, जो अगले दिन सुबह 12 बजकर 8 मिनट तक प्रभावी रहेगा। धार्मिक रूप से आज कोई विशिष्ट व्रत या त्योहार नहीं है, लेकिन शुभ योगों की अधिकता के कारण यह दिन पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के लिए अनुकूल माना जा रहा है।