अमेरिकी सेना और वेनेजुएला के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। अमेरिका ने कैरेबियाई सागर में एक और जहाज पर हमला किया है, जिसे कथित रूप से ड्रग तस्करी में शामिल बताया गया। इस हमले में जहाज पूरी तरह नष्ट हो गया, हालांकि उसमें सवार सभी लोग किसी तरह बच निकले। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते और भी बिगड़ गए हैं। वहीं, पेंटागन ने इस पूरे मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र में पहुंचा विवाद
वेनेजुएला ने इस घटना को अपनी संप्रभुता पर हमला बताते हुए अमेरिका के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत दर्ज कराई है। वेनेजुएला के संयुक्त राष्ट्र राजदूत सैमुएल मोंकाडा ने परिषद को भेजे एक पत्र में अमेरिकी कार्रवाई को “अवैध सैन्य आक्रमण” बताया है। मोंकाडा ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि वह वेनेजुएला की संप्रभुता की रक्षा के लिए कदम उठाए और अमेरिका को इस तरह की सैन्य गतिविधियों से रोका जाए।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो “अवैध रूप से सत्ता में हैं” और अमेरिका उन्हें मान्यता नहीं देता। ट्रंप प्रशासन ने मादुरो सरकार के साथ किसी भी प्रकार की वार्ता पर रोक लगा दी है।
कैरेबियाई सागर में बढ़ी सैन्य मौजूदगी
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कैरेबियाई सागर में अमेरिकी नौसेना, मरीन बल और परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती के आदेश दिए हैं। उनका कहना है कि यह कार्रवाई क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से की जा रही है। हालांकि, वेनेजुएला सरकार का दावा है कि अमेरिका इस बहाने उसके क्षेत्र में दखल दे रहा है और उसकी नौसैनिक सीमाओं का उल्लंघन कर रहा है। वेनेजुएला ने भी अपनी नौसेना को हाई अलर्ट पर रखा है और कैरेबियाई सागर में सैन्य निगरानी बढ़ा दी है।
सितंबर से अब तक 5 हमले, बढ़ती मौतें
वेनेजुएला के अधिकारियों के अनुसार, 2 सितंबर 2025 से अब तक अमेरिकी सेना ने उनकी नावों पर पांच बार हमले किए हैं, जिनमें कुल 27 लोगों की मौत हो चुकी है। वेनेजुएला सरकार ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। वहीं, अमेरिकी रक्षा विभाग का कहना है कि जिन नावों को निशाना बनाया गया, वे ड्रग तस्करी में लिप्त थीं और उन पर साक्ष्य मौजूद हैं। हालांकि, इन “साक्ष्यों” को अमेरिका ने अब तक सार्वजनिक नहीं किया है।
CIA का गुप्त मिशन और मादुरो पर खतरा
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप प्रशासन ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को सत्ता से हटाने के लिए CIA के माध्यम से एक “क्लासिफाइड मिशन” शुरू किया है। इस गुप्त अभियान को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ गई है, क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि इससे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती है। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि अमेरिका वेनेजुएला पर “सीमित जमीनी कार्रवाई” की योजना बना रहा है। यदि ऐसा होता है, तो यह 21वीं सदी में लैटिन अमेरिका के लिए सबसे बड़ा भू-राजनीतिक संकट साबित हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र ने दी शांति की अपील
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। संगठन ने कहा कि ड्रग तस्करी के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है, लेकिन किसी भी देश की संप्रभुता का उल्लंघन अंतरराष्ट्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है। वर्तमान स्थिति में कैरेबियाई सागर अब सिर्फ व्यापारिक मार्ग नहीं, बल्कि एक भू-राजनीतिक युद्धक्षेत्र बनता जा रहा है। यदि अमेरिका और वेनेजुएला दोनों अपने रुख पर अड़े रहे, तो आने वाले हफ्तों में यह विवाद पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन सकता है।