अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने बुधवार को अपने एशिया दौरे के अंतिम चरण में दक्षिण कोरिया में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अमेरिका और भारत के बीच लंबे समय से लंबित व्यापार समझौते (Trade Deal) पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब दोनों देशों के बीच बीते कई महीनों से टैरिफ, कृषि उत्पादों और रूस से तेल खरीद को लेकर लगातार वार्ताएं चल रही थीं। ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “यदि आप भारत और पाकिस्तान को देखें, तो मैं भारत के साथ व्यापार समझौता कर रहा हूं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान और प्रेम है। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं।”
महीनों से चल रही थी बातचीत
भारत और अमेरिका के बीच यह व्यापारिक वार्ता पिछले एक साल से अधिक समय से जारी है। अमेरिका की मांग थी कि भारत अपने डेयरी और कृषि उत्पादों के बाजार को अमेरिकी कंपनियों के लिए खोले, जबकि भारत ने इस पर अपनी वैल्यू-सेंसिटिव इंडस्ट्रीज की सुरक्षा का हवाला देते हुए विरोध जताया था। यही कारण था कि समझौता अब तक अटका हुआ था। हालांकि, सूत्रों के अनुसार पिछले सप्ताह दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठकों में कुछ अहम प्रगति हुई है। भारत ने रूस से तेल की खरीद में धीरे-धीरे कटौती करने पर विचार जताया है, जिसके बदले अमेरिका ने अपने टैरिफ को घटाकर 16 प्रतिशत करने की सहमति दी है। यह दोनों देशों के बीच व्यापारिक संतुलन बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव
इस समझौते पर रूस-यूक्रेन युद्ध का भी गहरा असर पड़ा है। अमेरिका चाहता था कि भारत रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को सीमित करे, जबकि भारत ने अब तक अपने राष्ट्रीय हितों और ऊर्जा आवश्यकताओं का हवाला देते हुए रूस से तेल खरीद जारी रखी थी। लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि भारत और अमेरिका ने इस मुद्दे पर एक संतुलित रास्ता निकाल लिया है।
मोदी-ट्रंप की दोस्ती फिर सुर्खियों में
ट्रंप ने दक्षिण कोरिया में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी दिखने में सबसे अच्छे हैं। वह एक जबरदस्त इंसान हैं और काफी टफ नेता हैं। हमारे बीच मजबूत व्यक्तिगत और राजनयिक संबंध हैं।” ट्रंप की यह टिप्पणी भारत-अमेरिका संबंधों में गर्मजोशी का संकेत देती है। दोनों नेताओं की नजदीकी पहले भी “Howdy Modi” और “Namaste Trump” जैसे कार्यक्रमों में देखने को मिल चुकी है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर
अगर यह व्यापार समझौता अंतिम रूप लेता है, तो इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में नया अध्याय शुरू होगा। अमेरिका को भारत के विशाल उपभोक्ता बाजार तक आसान पहुंच मिलेगी, वहीं भारत को भी अमेरिकी निवेश और तकनीकी सहयोग का लाभ मिल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने में भी अहम भूमिका निभाएगा। कुल मिलाकर, ट्रंप के इस बयान ने संकेत दे दिया है कि भारत और अमेरिका आने वाले हफ्तों में ऐतिहासिक व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर करने की तैयारी में हैं, जो वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को एक नई दिशा दे सकता है।