लखनऊ न्यूज डेस्क: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को लखनऊ स्थित लोक भवन में कैबिनेट बैठक हुई, जिसमें कुल 30 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस बैठक में कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार से जुड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी। बैठक के बाद मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और श्रम मंत्री अनिल राजभर ने मीडिया को फैसलों की जानकारी दी।
इस बैठक में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले 49 किमी लंबे लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे निर्माण का प्रस्ताव पास हुआ, जिसकी लागत 4776 करोड़ रुपये होगी। इसके साथ ही बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट अथॉरिटी (बीडा) के नियमों को भी हरी झंडी मिल गई। मेगा परियोजनाओं को विशेष प्रोत्साहन देने का फैसला लिया गया है।
श्रम विभाग ने सेवा योजन रोजगार मिशन के गठन का प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूरी मिल गई। इसके तहत एक साल में 30 हजार लोगों को विदेश और एक लाख को प्रदेश में रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा 29 खतरनाक फैक्ट्रियों में अब महिलाओं को काम करने की अनुमति दी गई है। वहीं सरकारी विभागों द्वारा 11 प्रकार की वस्तुएं गांधी आश्रम और हस्तशिल्प निगम से खरीदने की बाध्यता तीन साल और बढ़ा दी गई है।
शिक्षा क्षेत्र में भी बड़ा फैसला लिया गया है, जिसके तहत राजकीय महाविद्यालयों में सहायक आचार्य और आचार्य की भर्ती अब लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के माध्यम से होगी। इंटरव्यू में लगभग 20 अंक निर्धारित होंगे। इसके अलावा लखनऊ के जेपीएनआईसी प्रोजेक्ट को लखनऊ विकास प्राधिकरण को सौंपने का फैसला हुआ है। समाजवादी सरकार द्वारा बनाई गई संचालन समिति को भंग कर दिया गया है।