लखनऊ न्यूज डेस्क: राजधानी में स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों के नाम पर पंजीकृत 1915 वाहनों की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। आरटीओ की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 183 वाहन अपनी तय उम्र पूरी कर चुके हैं और अब कंडम की श्रेणी में हैं। वहीं 258 ऐसे वाहन हैं जिनमें या तो फिटनेस की वैधता खत्म हो चुकी है या परमिट की अवधि। आरटीओ ने शुक्रवार को रिपोर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी है कि यदि इन वाहनों में बच्चों को बैठाकर ले जाते पाया गया तो संबंधित स्कूल प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
परिवहन विभाग ने इन अनफिट और कंडम वाहनों के खिलाफ 1 जुलाई से विशेष अभियान चलाने की घोषणा की है। यह 15 दिनों तक चलेगा, जिसमें ऐसे सभी वाहनों को चेक किया जाएगा जो नियमों को ताक पर रखकर चल रहे हैं। फिटनेस और परमिट के बिना संचालन करने वाले वाहनों को जब्त किया जाएगा और नियम तोड़ने पर स्कूल प्रशासन पर सीधी कार्रवाई होगी।
चौंकाने वाली बात ये है कि इस सूची में राजधानी के कई नामी-गिरामी स्कूल और संस्थान भी शामिल हैं। रिपोर्ट में सीएमएस के 32, जयपुरिया स्कूल के 4, पीजीआई के 4, डीपीएस के 5, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के 3 और केजीएमयू का एक वाहन शामिल है। इसके अलावा कई निजी स्कूल और इंजीनियरिंग कॉलेजों के वाहन भी कंडम श्रेणी में हैं।
संक्षिप्त आंकड़ों पर नजर डालें तो राजधानी में कुल 1915 स्कूली वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें 1474 ही फिटनेस और परमिट के साथ चलने योग्य हैं। 122 वाहनों का फिटनेस प्रमाणपत्र खत्म हो चुका है, जबकि 208 के पास वैध परमिट नहीं है। ऐसे में कंडम और अनफिट वाहनों की संख्या 441 पहुंच चुकी है, जो स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है।