लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में जूनियर कन्जर्वेशनिस्ट नेचर कैंप की शुरुआत हुई, जिसमें बच्चों को प्रकृति और जीव-जंतुओं से जुड़े अहम विषयों पर जानकारी दी गई। राज्य संग्रहालय और टर्टिल सर्वाइवल एलाइंस फाउंडेशन इंडिया की देखरेख में इस शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलवार को हुई, जिसमें बच्चों ने वन्य जीवन संरक्षण और जैव विविधता के महत्व को करीब से समझा।
कार्यक्रम प्रभारी और राज्य संग्रहालय की सहायक अल-शाज फातमी ने बच्चों को बताया कि वन्य जीवन संरक्षण सिर्फ जानवरों की सुरक्षा नहीं, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन से जुड़ा मुद्दा है। पहले दिन टर्टिल सर्वाइवल एलाइंस फाउंडेशन के डॉ. अनुराग और श्रीपर्णा दत्ता ने प्रतिभागियों को प्राणी उद्यान की सैर करवाई। इस दौरान शेर, बाघ, तेंदुआ जैसे मांसाहारी जानवरों के व्यवहार और उनकी शिकार प्रणाली, खासकर मगरमच्छ की ‘डेथ रोल’ तकनीक के बारे में बताया गया।
बच्चों को सरीसृपों की दुनिया से भी रुबरू कराया गया। टर्टिल यानी कछुओं की 25 भारतीय प्रजातियों की जानकारी साझा की गई। इससे बच्चों को भारत के जैव विविधता के खजाने का बोध हुआ। सत्र के अंत में बच्चों को एक वर्कशीट दी गई, जिसमें उन्होंने भ्रमण के दौरान सीखी गई बातों से जुड़े सवालों के जवाब लिखे। इसके अलावा उन्होंने पशु-पक्षियों से जुड़े सुंदर चित्र भी बनाए।
इस कार्यक्रम में शारदा प्रसाद, राहुल सैनी, अनुराग द्विवेदी, रामू, सुरेश, सत्यपाल शर्मा और पूनम जैसी शख्सियतों की उपस्थिति रही। आयोजकों ने बताया कि नेचर कैंप की अगली कड़ी 25 जून को राष्ट्रीय वस्त्र कोष एवं संग्रहालय, 26 जून को राष्ट्रीय वनस्पति विज्ञान संस्थान, 27 जून को कुकरेल घड़ियाल प्रजनन केंद्र और 28 जून को राज्य संग्रहालय के प्राकृतिक विज्ञान खंड में आयोजित की जाएगी।