मुंबई, 02 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के लिए आवंटित सरकारी आवास, बंगला नंबर 1, राज निवास मार्ग, में जल्द ही मरम्मत और सजावट का कार्य शुरू होने जा रहा है। यह बंगला पहले उपराज्यपाल सचिवालय के कार्यालय के रूप में उपयोग में लिया जाता था, जिसे अब मुख्यमंत्री और उनके परिवार के रहने के अनुरूप तैयार किया जाएगा। इस आवास को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इसमें 24 एयर कंडीशनर, 5 स्मार्ट टीवी जिनमें चार 55 इंच और एक 65 इंच का सेट शामिल है, तीन बड़े झूमर और 80 से अधिक पंखों की व्यवस्था की जा रही है। रसोईघर को भी अत्याधुनिक रूप दिया जा रहा है, जहां नई गैस हॉब, इलेक्ट्रिक चिमनी, माइक्रोवेव, टोस्ट ग्रिल, वॉशिंग मशीन, डिशवॉशर और 50 लीटर प्रति घंटे की क्षमता वाला RO वाटर प्लांट लगाया जाएगा।
इस रेनोवेशन कार्य के पहले चरण का कुल बजट 60 लाख रुपए तय किया गया है, जिसमें से सिर्फ एयर कंडीशनिंग पर 11 लाख रुपए और लाइटिंग व झूमरों पर 6 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। बंगला नंबर 1 टाइप VII श्रेणी का आवास है, जिसमें चार बेडरूम, ड्राइंग रूम, विजिटर्स हॉल, नौकरों के लिए कमरा, किचन, लॉन और एक बैकयार्ड शामिल हैं। इसके साथ ही पास स्थित बंगला नंबर 2 को मुख्यमंत्री का कैंप ऑफिस बनाया जाएगा, जहां जनता से मुलाकात की जाएगी। दोनों बंगलों को जोड़ने के लिए एक विशेष रास्ता बनाया जाएगा। इस समय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शालीमार बाग स्थित अपने निजी आवास में रह रही हैं।
चुनाव से पहले ही रेखा गुप्ता ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आवास, जो 6 फ्लैगस्टाफ रोड पर स्थित है, नहीं लेंगी। उन्होंने इसे भ्रष्टाचार का प्रतीक करार दिया था। उस बंगले के रेनोवेशन पर करीब 33.66 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे और भाजपा द्वारा उसे ‘शीशमहल’ कहा गया था। केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को इस रेनोवेशन कार्य की जांच के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक उसकी कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है। भाजपा का आरोप है कि केजरीवाल के लिए बनाए गए बंगले का निर्माण नियमों के विरुद्ध किया गया और इसमें लगभग 45 करोड़ रुपए खर्च किए गए। पार्टी का दावा है कि यह बंगला चार सरकारी संपत्तियों को जोड़कर बनाया गया है, जिससे नियमन की अनदेखी हुई है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर इस प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की थी। भाजपा का यह भी कहना है कि उनकी पार्टी का कोई भी मुख्यमंत्री अब उस बंगले में नहीं रहेगा। इस मामले की जांच मई 2023 में तब शुरू हुई जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद को पत्र लिखकर मामले की जांच सौंपी। सितंबर 2023 में सीबीआई ने जांच रिपोर्ट दर्ज की, जिसमें कहा गया कि कोविड काल के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास पर सरकारी खजाने से लगभग 44.78 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।