मुंबई, 06 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में तैनात सीआरपीएफ हेड कॉन्स्टेबल अभिषेक शर्मा सात दिन तक लापता रहने के बाद अचानक दिल्ली में परिजनों को मिल गए। मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह कुछ स्पष्ट नहीं बोल पा रहे हैं और इशारों में बताया कि वह दो दिन से भूखे हैं। परिजन उन्हें दिल्ली से आगरा ले आए हैं और फिलहाल उनका डिप्रेशन का इलाज कराया जा रहा है। डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी है। अभिषेक शर्मा 26 मई को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर स्थित अपने कैंप से अचानक गायब हो गए थे। 2 जून को दिल्ली के मुखर्जी नगर क्षेत्र में वह सड़क किनारे बदहवास हालत में मिले। उनके भाई अंकुर शर्मा ने बताया कि अभिषेक की स्थिति बहुत खराब थी और वह कुछ बोलने की हालत में नहीं थे। परिवार को पहली बार 30 मई को किसी जानकारी का संकेत मिला जब अभिषेक के एक दोस्त ने कॉल कर बताया कि 27 मई को उससे अभिषेक ने संपर्क किया था। इसके बाद परिजन शाहगंज थाने पहुंचे और मोबाइल नंबर की जानकारी पुलिस को दी। सर्विलांस पर जब मोबाइल नंबर ट्रैक किया गया तो वह दिल्ली के मयूर विहार का निकला, लेकिन वहां पहुंचने पर वह नंबर एक ठेले वाले का निकला। ठेले वाले ने बताया कि एक व्यक्ति सेना की वर्दी में आया था और कॉल करने के लिए मोबाइल मांगा, फिर कॉल करके चला गया।
इसके बाद दिल्ली पुलिस की मदद से आसपास के सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए, जिनमें अभिषेक सड़क पर इधर-उधर घूमते दिखे। इसी दौरान परिजनों ने खोजबीन जारी रखी और मुखर्जी नगर इलाके में उन्हें खोज निकाला, जहां वह बेहद कमजोर और असहाय हालत में मिले। अभिषेक को 2 जून को आगरा लाकर डिप्रेशन का इलाज शुरू किया गया है। भाई अंकुर का कहना है कि अभी उनकी मानसिक स्थिति स्थिर नहीं है और उन्हें पूरी तरह आराम की जरूरत है। यदि संभव हुआ तो कुछ समय के लिए उन्हें छुट्टी दिलाकर घर पर ही रखा जाएगा और यहीं इलाज जारी रहेगा। परिवार वालों के अनुसार अभिषेक फरवरी 2024 में ही सीआरपीएफ में हेड कॉन्स्टेबल बने थे और वर्तमान में उधमपुर में तैनात हैं। 25 मई की रात उनकी मां से बातचीत हुई थी, जिसमें उन्होंने घर की शादी की तैयारियों की जानकारी ली थी। 26 मई को ‘भात’ की रस्म थी, जिस कारण घरवाले व्यस्त रहे। उसी दिन शाम को अचानक उनके लापता होने की सूचना मिली। उनके परिजनों ने उसी रात जम्मू से आने वाली ट्रेनों का इंतजार किया, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। 27 मई को भाई अंकुर अपने दो जीजाओं के साथ ऊधमपुर रवाना हुए। कैंप के अधिकारियों ने बताया कि 26 मई को अभिषेक रोजाना की तुलना में एक घंटे पहले सुबह 6 बजे ही उठकर बाहर चले गए थे और आखिरी बार 7:30 बजे एमएच चौक पर उनकी लोकेशन मिली थी। उन्होंने अपने जूनियर को कॉल कर ऑफिस देर से पहुंचने की सूचना दी थी और फिर उनका फोन बंद हो गया। फिलहाल अभिषेक अपने घर पर हैं और उनके स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। परिवार का कहना है कि जैसे ही वह बोलने की स्थिति में आएंगे, पूरे घटनाक्रम की जानकारी सामने आ सकेगी।