भारत, जिसे अक्सर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं की भूमि कहा जाता है, अपने भव्य और प्राचीन मंदिरों के लिए विश्व भर में विख्यात है। ये पूजा स्थल न केवल गहरी आस्था के केंद्र हैं, बल्कि विशाल आर्थिक शक्ति के भंडार भी हैं। देश के कुछ प्रमुख मंदिरों के पास जमा धन और संपत्ति इतनी अधिक है कि अगर उन्हें मिला दिया जाए तो वे भारत के सबसे धनी उद्योगपतियों, जैसे मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी की व्यक्तिगत संपत्ति को भी टक्कर दे सकते हैं। यह लेख भारत के ऐसे ही शीर्ष 10 सबसे अमीर मंदिरों पर एक नज़र डालता है, जो धार्मिक महत्व और वित्तीय समृद्धि का एक अनूठा संगम प्रस्तुत करते हैं:
तिरुमाला तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर, आंध्र प्रदेश: यह मंदिर दुनिया के सबसे अमीर धार्मिक संस्थानों में से एक है। इसकी कुल संपत्ति लगभग ₹3 लाख करोड़ ($36 बिलियन से अधिक) आंकी गई है। इस विशाल संपत्ति में मार्च 2024 तक लगभग ₹18,817 करोड़ की फिक्स्ड डिपॉजिट, सोने और अन्य संपत्तियां शामिल हैं। मंदिर को सालाना दान से होने वाली आय भी बहुत अधिक है, जो 2024 में ₹1,365 करोड़ तक पहुंच गई थी।
पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल: तिरुवनंतपुरम में स्थित यह मंदिर अपने गुप्त खजानों के लिए प्रसिद्ध है। इसके नीचे बने गुप्त तहखानों से मिले सोने के आभूषणों, हीरे, पन्ने और प्राचीन वस्तुओं सहित इसकी अनुमानित संपत्ति ₹1.2 लाख करोड़ से अधिक है।
गुरुवायूर देवस्वोम, केरल: भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर के पास बैंकों में ₹1,737 करोड़ की जमा राशि है, साथ ही यह 271 एकड़ जमीन का मालिक है और इसके पास सोने, चांदी और बहुमूल्य पत्थरों का बड़ा संग्रह भी है।
वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू: कटरा के पास 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित, यह पूजनीय तीर्थस्थल अपनी समृद्धि का प्रमाण देता है। पिछले दो दशकों में मंदिर को 1,800 किलोग्राम से अधिक सोना और 4,700 किलोग्राम चांदी प्राप्त हुई है, इसके अलावा ₹2,000 करोड़ से अधिक का नकद चढ़ावा भी यहां आता है।
शिरडी साईं बाबा मंदिर, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में स्थित यह प्रसिद्ध तीर्थस्थल केवल अपनी धार्मिक महिमा के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी सामुदायिक सेवाओं के लिए भी जाना जाता है। 2022 में ₹400 करोड़ से अधिक का दान प्राप्त करने वाला यह मंदिर अस्पताल चलाता है और हजारों लोगों को मुफ्त भोजन कराता है।
स्वर्ण मंदिर (हरमंदिर साहिब), पंजाब: अमृतसर में स्थित, यह सिख धर्म का सबसे पवित्र स्थल अपनी सुनहरी वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह सालाना लगभग ₹500 करोड़ की कमाई करता है और एकता, शांति और सामूहिक भक्ति का प्रतीक है।
मीनाक्षी मंदिर, तमिलनाडु: मदुरै में स्थित, यह मंदिर अपनी शानदार द्रविड़ वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यहां प्रतिदिन 20,000 से अधिक श्रद्धालु आते हैं, और यह धार्मिक अनुष्ठानों और दान से सालाना लगभग ₹60 मिलियन कमाता है।
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई: मुंबई का यह प्रसिद्ध गणेश मंदिर प्रतिदिन लगभग ₹30 लाख का चढ़ावा प्राप्त करता है। मंदिर की गणेश मूर्ति पर 4 किलोग्राम सोना लगा हुआ है, और इसकी कुल संपत्ति ₹125 करोड़ आंकी गई है।
सोमनाथ मंदिर, गुजरात: भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला, सोमनाथ मंदिर का गर्भगृह लगभग 130 किलोग्राम सोने से और शिखर लगभग 150 किलोग्राम सोने से अलंकृत है, जो इसे श्रद्धालुओं और इतिहास प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बनाता है।
श्री जगन्नाथ मंदिर, ओडिशा: पुरी में स्थित 11वीं सदी का यह मंदिर हिंदू धर्म की चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी संपत्ति का मूल्य लगभग ₹150 करोड़ है और इसके पास लगभग 30,000 एकड़ जमीन भी है, जो इसकी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को और मजबूत करती है।
ये मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का पोषण करते हैं, बल्कि अपनी अपार संपत्ति के माध्यम से समाज सेवा, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी एक मजबूत वित्तीय आधार प्रदान करते हैं, जिससे वे भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज के एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन जाते हैं।