ताजा खबर
बुलेट ट्रेन: प्रोजेक्ट का पूरा होना इस प्रमुख कारक पर निर्भर करता है, आरटीआई से पता चला   ||    ICICI और Yes Bank के सर्विस चार्ज बदले, Axis ने भी किया बड़ा ऐलान   ||    मलेशियाई नौसेना के हेलीकॉप्टर हवा में टकराए, 10 की मौत   ||    लोकसभा चुनाव 2024: सबसे बड़ा लोकतंत्र मतदान क्यों नहीं कर रहा?   ||    Earth Day 2023: पृथ्वी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?   ||    फैक्ट चेक: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के बीच CM धामी ने सरेआम बांटे पैसे? वायरल वीडियो दो साल पुराना...   ||    मिलिए ईशा अरोड़ा से: ऑनलाइन ध्यान खींचने वाली सहारनपुर की पोलिंग एजेंट   ||    आज का इतिहास: 16 अप्रैल को हुआ था चार्ली चैपलिन का जन्म, जानें अन्य बातें   ||    एक मंदिर जो दिन में दो बार हो जाता है गायब, मान्यता- दर्शन मात्र से मिलता मोक्ष   ||    फैक्ट चेक: कानपुर में हुई युवक की पिटाई का वीडियो 'ब्राह्मण पर पुलिसिया अत्याचार' के गलत दावे के साथ...   ||   

Diwali 2023: दीपावली पूजा में घी या तेल का दीपक ? जानिए दीपक जलाने के नियम और मंत्र

Photo Source :

Posted On:Saturday, November 11, 2023

दिवाली पूजा टिप्स: दिवाली का त्योहार 10 नवंबर से शुरू हो रहा है। 10 नवंबर को धनतेरस और 12 नवंबर को दिवाली है। इस दिन प्रदोष काल में भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी. दिवाली पर पूरे घर को रोशनी से सजाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि दिवाली की रात देवी लक्ष्मी हर घर में आती हैं और उस घर में निवास करती हैं जिस घर को साफ रखा जाता है और दीपक जलाए जाते हैं। इसलिए दिवाली पर खासतौर पर घर के अंदर-बाहर और कोने-कोने में मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं।

सनातन धर्म में मिट्टी के दीये में दीपक जलाने का विशेष महत्व है। मिट्टी के दीपक को पांच तत्वों का प्रतीक माना जाता है। मिट्टी के दीये बनाने में पांचों तत्वों का उपयोग किया जाता है। इसे बनाने में पृथ्वी, आकाश, वायु, जल और अग्नि तत्वों का उपयोग किया गया है। इन्हीं पांच तत्वों से संपूर्ण प्रकृति और मानव शरीर का निर्माण हुआ है।सनातन धर्म में प्रत्येक देवी-देवता की पूजा आरती और भोग से पूर्ण होती है। मंदिर हो या घर दोनों ही पूजा स्थलों पर दीपक जलाने की परंपरा है।

शास्त्रों में कहा गया है कि दीपक मनुष्य को अंधकार से प्रकाश देता है और अज्ञानता के मानसिक विकारों को दूर करता है। जीवन की कठिनाइयां दूर होती हैं। इससे व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है।अक्सर आपने कई जगहों पर देखा होगा कि दिवाली के मौके पर देवी-देवताओं के सामने घी और तेल दोनों के दीपक जलाए जाते हैं। जिनका अलग-अलग महत्व है. शास्त्रों में माना जाता है कि मंत्रोच्चार के साथ दीपक जलाने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और वास्तु दोष दूर होता है। आइए जानते हैं दीपक से जुड़ी खास बातें...

दीपक जलाने के नियम

  • दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करते समय उनके सामने घी और तेल दोनों के दीपक जलाए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के सामने बाईं ओर घी का और दाईं ओर तेल का दीपक जलाना चाहिए।
  • भगवान के दाहिने हाथ यानी अपने बाएं हाथ पर घी का दीपक जलाना चाहिए। अगर तेल के दीपक की बात करें तो तिल के तेल का दीपक भगवान के बाएं हाथ की ओर यानी अपने दाहिने हाथ की ओर जलाना चाहिए।
  • घी का दीपक सफेद खड़ी बत्ती से जलाना चाहिए, इस प्रकार की बत्ती को फूल बत्ती भी कहा जाता है। तेल के दीपक की बाती लंबी होनी चाहिए। किसी भी पूजा का विशेष फल पाने के लिए अगर आप तिल के तेल का दीपक जलाते हैं तो उसके साथ लाल या पीली रोशनी भी लगानी चाहिए।
  • पूजा के दौरान जलाया गया दीपक बीच में नहीं बुझना चाहिए और इस दीपक को हमेशा भगवान की मूर्ति के सामने रखना चाहिए।
  • दिवाली या नियमित पूजा में कभी भी टूटे हुए दीपक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

देवता के लिए कौन सा तेल या घी का दीपक और कौन सा दीपक?

  • पूजा के दौरान भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, देवी दुर्गा, भगवान शिव और भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए।
  • घी का दीपक सभी देवी-देवताओं को समर्पित होता है, इससे देवता प्रसन्न होते हैं। आर्थिक तंगी से राहत पाने के लिए घी का दीपक जलाया जाता है। मां लक्ष्मी की पूजा में घी का दीपक जलाने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
  • भगवान भैरव की पूजा के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाने का नियम है। इससे शत्रुओं का नाश होता है।सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए भी सरसों का दीपक जलाया जाता है।
  • शनि की पीड़ा से राहत के लिए सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाया जाता है। मनोकामना पूर्ति के लिए तिल के तेल का दीपक जलाया जाता है।
  • हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए चमेली के तेल का दीपक जलाएं। चमेली के तेल का दीपक जलाने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है। संकटहरण हनुमानजी की विशेष कृपा पाने के लिए आटे का चौमुखा दीपक जलाना चाहिए।
  • राहु और केतु ग्रह की शांति के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाएं।

मंत्र

दीपक जलाते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
   शुभम् करोति कल्याणम्, आरोग्य धन सम्पदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीप ज्योति नमोस्तुते।


लखनऊ और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Lucknowvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.