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ब्लैक सी में अंडरवाटर ड्रोन हमला: शांति प्रयासों को झटका

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Posted On:Tuesday, December 16, 2025

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को रुकवाने की कोशिशों को एक बड़ा झटका लग सकता है। करीब चार (04) वर्षों से चल रही इस जंग में पहली बार यूक्रेन ने रूस की किसी पनडुब्बी को निशाना बनाने का दावा किया है। यह हमला इसलिए भी बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसे ब्लैक सी (काला सागर) के एक प्रमुख रूसी बंदरगाह पर अंजाम दिया गया, जहां खड़ी पनडुब्बी पर यूक्रेन ने अंडरवाटर ड्रोन से वार किया।

एसबीयू ने किया ऑपरेशन, वीडियो भी जारी

यूक्रेन की खुफिया एजेंसी एसबीयू (सिक्योरिटी ब्यूरो ऑफ यूक्रेन) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। एसबीयू ने ऑपरेशन के बाद एक वीडियो भी सार्वजनिक किया है, जिसमें बंदरगाह पर खड़ी पनडुब्बी के पास जोरदार धमाका होते हुए देखा जा सकता है। एजेंसी के मुताबिक, ब्लैक सी में रूस के नोवोरोसिस्यक बंदरगाह पर तैनात वरसा व्यांका यानी किलो क्लास की पनडुब्बी को निशाना बनाया गया। यह प्रोजेक्ट 636.3 के तहत बनी अत्याधुनिक अटैक सबमरीन है, जो चार कैलिबर क्रूज मिसाइलों से लैस थी।

बंदरगाह पर खड़ी पनडुब्बी में धमाका

एसबीयू द्वारा जारी वीडियो में साफ दिखाई देता है कि नोवोरोसिस्यक बंदरगाह पर एक पनडुब्बी के साथ-साथ कम से कम आधा दर्जन युद्धपोत और नौकाएं भी खड़ी थीं। इसी दौरान अचानक पनडुब्बी के पास एक जोरदार विस्फोट होता है। यूक्रेन का दावा है कि इस हमले से पनडुब्बी और उस पर लगी मिसाइल प्रणाली को निष्क्रिय कर दिया गया है। अगर यह दावा सही साबित होता है, तो यह नौसैनिक युद्ध के इतिहास में एक बड़ी घटना होगी।

50 साल बाद जंग में पनडुब्बी को निशाना

विशेषज्ञों के मुताबिक, करीब 50 वर्षों के बाद किसी पनडुब्बी को युद्ध के दौरान सीधे निशाना बनाए जाने का यह पहला मामला हो सकता है। इससे पहले 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में ऐसी घटना हुई थी, जब पाकिस्तान की पनडुब्बी पीएनएस गाजी बंगाल की खाड़ी में तबाह हो गई थी। पीएनएस गाजी विशाखापट्टनम बंदरगाह के पास भारतीय नौसेना के जहाजों को निशाना बनाने के इरादे से आई थी, लेकिन रहस्यमय धमाके के बाद वह समुद्र में डूब गई। आज भी उसका मलबा विशाखापट्टनम के पास समंदर में मौजूद है।

रूस ने यूक्रेन के दावे को बताया गलत

यूक्रेन के दावे के बाद रूस के रक्षा मंत्रालय ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने ब्लैक सी फ्लीट के हवाले से कहा कि यूक्रेन के अंडरवाटर ड्रोन हमले में किसी भी रूसी पनडुब्बी या जहाज को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। मंत्रालय के अनुसार, न तो कोई पनडुब्बी निष्क्रिय हुई है और न ही इस हमले में कोई रूसी नौसैनिक हताहत हुआ है। रूस का कहना है कि जिस पनडुब्बी को निशाना बनाए जाने का दावा किया जा रहा है, वह पूरी तरह ऑपरेशनल है।

मोस्कवा जहाज की याद ताजा

गौरतलब है कि युद्ध के शुरुआती हफ्तों में यूक्रेन ने रूस को बड़ा झटका दिया था, जब उसने मिसाइल हमले के जरिए ब्लैक सी में रूसी युद्धपोत ‘मोस्कवा’ को तबाह कर दिया था। उस हमले में जहाज पर तैनात कई रूसी नौसैनिकों की जान चली गई थी और यह रूस के लिए एक बड़ी सैन्य क्षति मानी गई थी।

शांति वार्ता के बीच बढ़ा तनाव

यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब जर्मनी की राजधानी बर्लिन में दो दिवसीय शांति वार्ता का आयोजन किया गया था। इस बैठक में यूक्रेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। बैठक के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर बातचीत कर युद्ध रोकने के विकल्पों पर चर्चा की थी। ऐसे में ब्लैक सी में रूसी पनडुब्बी पर हमले की खबर से तनाव और बढ़ सकता है।

चार साल पूरे होने से पहले भड़क सकती है जंग

24 फरवरी 2022 को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ था और अब दो महीने के भीतर इस जंग को पूरे चार वर्ष हो जाएंगे। बढ़ते हमले और नए सैन्य कदम इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि यह युद्ध और लंबा खिंच सकता है। ऐसे में शांति की कोशिशों पर मंडराता खतरा वैश्विक राजनीति के लिए भी चिंता का विषय बनता जा रहा है।


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