ताजा खबर
भिखमंगे देश में खाने को नहीं आटा, पर कइयों के पास दुबई में अरबों-खरबों की संपत्ति, बड़े-बड़े नाम उजा...   ||    B-17 ने दूसरे विश्व युद्ध में बरपाया था कहर… संकट में फंसी Boeing के सबसे खतरनाक Military Aircrafts   ||    ‘खुद को अकेला महसूस करती थी’…छात्रों संग रंगरलियां मनाने वाली महिला टीचर ने कोर्ट में दी अजीब दलील   ||    Egypt में पिरामिड के पास मिला रहस्यमयी अंडरग्राउंड द्वार, अंदर हो सकती है 4500 साल पुरानी कब्र   ||    वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला धरती के आकार का नया ग्रह, यहां न दिन खत्म होता है न रात   ||    स्लोवाकिया के PM को 5 गोलियां मारी, साढ़े 3 घंटे की सर्जरी के बाद जान बची, जानें कौन है 71 वर्षीय हम...   ||    Petrol Diesel Price Today: जारी हुई पेट्रोल-डीजल की कीमत, जानें अपने शहर में ईंधन के नए रेट   ||    शहरी इलाकों में तीन महीनों में बढ़ गई बेरोजगारों की संख्या, एक साल में महिलाओं को मिली ज्यादा जॉब   ||    ऑनलाइन बिजनेस करने वालों के लिए खुशखबरी, Amazon देगा स्टार्टअप को 12.5 लाख रुपये की मदद, जानें पूरी ...   ||    Sunil Chhetri ने इंटरनेशनल फुटबॉल से लिया संन्यास, 6 जून को खेलेंगे आखिरी मैच   ||   

भारत ने भी सीजफायर के प्रस्ताव पर नहीं दिया साथ, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Tuesday, October 31, 2023

मुंबई, 31 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इजराइल-हमास जंग के बीच जॉर्डन ने UN में मानवीय संकट का हवाला देते हुए सीजफायर की मांग की थी। इसके लिए उसने एक प्रस्ताव भी पेश किया था, जो पास हो गया था। इस प्रस्ताव में इजराइल पर हमास के हमले का कोई जिक्र नहीं था। भारत ने इस रिजॉल्यूशन पर वोटिंग नहीं की थी। अब इस मामले में इजराइली PM नेतन्याहू की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, मुझे अफसोस है कि हमारे कई दोस्तों ने भी इस बात को नहीं उठाया कि इस प्रस्ताव में खामियां है। उन्होंने ये नहीं कहा कि इसमें इजराइल में हुए अत्याचार का जिक्र नहीं किया गया। ऐसे अत्याचार को कोई भी सभ्य देश स्वीकार नहीं करेगा। मैं उम्मीद करता हूं कि अब दोबारा इस तरह का प्रस्ताव देखने को नहीं मिलेगा। नेतन्याहू ने आगे कहा, इजराइल सीजफायर के लिए नहीं मानने वाला है। ये वैसी ही स्थिति जैसी पर्ल हार्बर या 9/11 हमले के वक्त अमेरिका की थी। इस वक्त सीजफायर का मतलब होगा कि हम हमास और आतंक के सामने सरेंडर कर रहे हैं। 7 अक्टूबर के भयानक हमले के बाद इजराइल दुश्मनी खत्म नहीं कर सकता। ये जंग का समय है। 

दरअसल, 27 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा की विशेष बैठक हुई थी। इसमें जॉर्डन ने 22 अरब देशों के साथ मिलकर एक प्रस्ताव रखा था कि इजराइल-हमास में तुरंत सीजफायर हो। गाजा पट्टी के लोगों के लिए जरूरी चीजों और सेवाओं की सप्लाई फौरन शुरू हो। अवैध रूप से बंधक बनाए गए सभी नागरिकों की रिहाई कर उन्हें उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाया जाए। इस प्रस्ताव का बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान, रूस और दक्षिण अफ्रीका समेत 120 देशों ने समर्थन किया था। इजराइल, अमेरिका, ऑस्ट्रिया जैसे 14 देशों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। प्रस्ताव बहुमत के साथ पास हो गया था। भारत समेत 45 देश इस प्रस्ताव पर वोटिंग में शामिल नहीं हुए थे। हालांकि, भारत ने उस प्रस्ताव का समर्थन किया था जिसमें कनाडा ने पुराने रिजॉल्यूशन में हमास की निंदा का हिस्सा जोड़ा था।

इसके बाद UN में भारत की प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा था- भारत बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था और चल रहे संघर्ष में नागरिकों की लगातार मौत से परेशान है। क्षेत्र में दुश्मनी बढ़ने से मानवीय संकट भी बढ़ेगा। इस वक्त जरूरी है कि सभी पक्ष शांति के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाएं। UN में प्रस्ताव पर भारत के वोटिंग न करने पर जेएनयू के प्रोफेसर डॉ राजन कुमार ने बताया- हम इजराइल को ब्लाइंडली सपोर्ट नहीं कर सकते। हमारा इजराइल को सशर्त समर्थन है। हम इसके समर्थन में भी नहीं हैं कि इजराइल गाजा के लोगों को मारे। यही कारण है कि हमने वहां के लिए राहत सामग्री भेजी है। वहीं, डॉ राजन ने बताया, भारत इजराइल और उसके साथी देशों को नाराज नहीं करना चाहता है, लेकिन भारत का पक्ष जस्टिफाइड है। भारत आजादी के लिए उठाए गए हमास के हिंसक कदम का समर्थन नहीं करता।


लखनऊ और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Lucknowvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.