लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की समीक्षा बैठक की। उन्होंने खासतौर पर विकास प्राधिकरणों में लंबित भवन मानचित्रों से जुड़े मामलों पर ध्यान दिया और अफसरों से सवाल पूछे। मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिया कि बार-बार आपत्तियां लगाकर लोगों को परेशान करना ठीक नहीं है, हर केस को एक बार में समझदारी से सुलझाएं। उन्होंने ये भी कहा कि जिन मामलों में फाइलें अटकी हैं, उनके लिए तय समयसीमा में निस्तारण किया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान को महीने के अंत तक मंजूरी दिलाने की बात कही और कहा कि शहरी नियोजन, आवासीय सुविधा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल सिस्टम को एक साथ जोड़कर योजनाएं बनाई जाएं। इस दौरान अफसरों ने मेट्रो परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी दी—जैसे कानपुर मेट्रो का मोतीझील से सेंट्रल स्टेशन तक अंडरग्राउंड सेक्शन पूरा हो चुका है और बाकी काम इस साल के आखिर तक निपटाने की तैयारी है। आगरा और लखनऊ मेट्रो पर भी तेजी से काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमाएं बढ़ाने पर जोर दिया और जेपीएनआईएसी को जल्द एलडीए के हवाले करने को कहा। भवन निर्माण और विकास उपविधियों के ड्राफ्ट पर भी चर्चा हुई, जिसमें जनता से मिले सुझावों के आधार पर आखिरी रूप दिया जाएगा। उन्होंने खास तौर पर 900 करोड़ की लागत वाले इंटरनेशनल एक्जीबिशन-कम-कन्वेंशन सेंटर को दो साल में पूरा करने के निर्देश दिए। यूपी-एससीआर परियोजना के तहत जुड़े जिलों के लिए डीपीआर की प्रक्रिया में तेजी लाने पर भी मुख्यमंत्री ने बल दिया।