लखनऊ न्यूज डेस्क: यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के बख्शी का तालाब इलाके में नकली सीमेंट बनाने वाली एक फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में गिरोह का सरगना और साथ ही सात अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह मेरठ से लाए गए कच्चे माल से नकली सीमेंट बनाता था और उसे बड़ी-बड़ी कंपनियों के नाम वाली बोरी में भरकर लखनऊ और आस-पास के इलाकों में सप्लाई करता था। पुलिस अभी भी गिरोह से जुड़े कुछ अन्य लोगों की तलाश कर रही है।
पकड़े गए गिरोह के सदस्यों में ठाकुर प्रसाद उर्फ अजय (सीतापुर), मनोज कुमार, संजीत राय (नाका), शकील (ऐशबाग), सलमान (उन्नाव), वीरेन्द्र (सीतापुर), राम आसरे और नसीम (हरदोई) शामिल हैं। उनके कब्जे से अल्ट्राटेक सीमेंट की 705 बोरी, माईसेम की 420 बोरी, एसीसी गोल्ड कंक्रीट की 365 बोरी, जेके लक्ष्मी की 120 बोरी के साथ 500 बोरी राख और करीब 2200 खाली बोरी भी बरामद हुई हैं। एसटीएफ ने इस फैक्ट्री पर छापा मारा था जहां एक सीमेंट कंपनी के लीगल मैनेजर भी मौजूद थे।
गिरोह के सरगना ठाकुर प्रसाद ने पुलिस को बताया कि वह रिषभ अग्रवाल से 50 हजार रुपये मासिक किराए पर गोदाम लेकर नकली सीमेंट बनाता था। इससे पहले वह काकोरी के नरौना गांव में भी ऐसा ही कारोबार चला रहा था, जहां पकड़े जाने पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। उसने यह भी स्वीकार किया कि कच्चा माल मेरठ के मित्तल से और राख शाहजहांपुर के कमल किशोर शुक्ला से मंगवाई जाती थी, जबकि नकली सीमेंट भरने वाली बोरी लखनऊ के संजीत राय से ली जाती थीं।
एसटीएफ ने बताया कि यह गिरोह लखनऊ के बख्शी का तालाब, चिनहट, रहीमाबाद, मोहनलालगंज जैसे इलाकों में कम कीमत पर नकली सीमेंट सप्लाई करता था। कंपनी को जब इस धोखाधड़ी की खबर मिली तो उसने अपनी जांच कराई, जिसके बाद एसटीएफ की मदद ली गई। ठाकुर प्रसाद पर सीतापुर और लखनऊ में पहले से ही कई मामले दर्ज हैं और इस कार्रवाई से नकली सीमेंट के कारोबार को बड़ा झटका लगा है।