लखनऊ न्यूज डेस्कः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हाई प्रोफाइल ठगी मामले का पर्दाफाश हुआ है। यूपी एसटीएफ की टीम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव और संयुक्त सचिव बनकर लोगों से ठगी करने वाले दो शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर धोखा दिया है। इन ठगों ने मुख्यमंत्री के कार्यालय से जुड़े होने का दावा किया और अपनी पहचान उच्च पदाधिकारी के रूप में प्रस्तुत कर पीड़ितों से बड़ी रकम ऐंठ ली हैं।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में प्रदीप दुबे, जो जौनपुर के निवासी हैं, और मान सिंह, जो लखनऊ के दुबग्गा इलाके के निवासी हैं, शामिल हैं। दोनों आरोपियों ने खुद को मुख्यमंत्री के कार्यालय में उच्च पद पर होने का दावा किया और बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलाने का वादा किया। उन्होंने सरकारी ठेकों और अन्य लाभों के लिए भी लोगों से पैसे वसूले।
इन ठगों का तरीका बेहद चालाक था। वे अपनी पहचान को एक बड़े अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करते थे और यह दावा करते थे कि उनकी मुख्यमंत्री कार्यालय में सीधे पहुंच है। इसके बाद, वे नौकरी पाने या सरकारी ठेके हासिल करने का झांसा देकर पीड़ितों से मोटी रकम लेते थे। कई लोग इनके झांसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई खो बैठे हैं।
यूपी एसटीएफ की टीम ने लंबे समय से इन आरोपियों की तलाश शुरू की थी। सटीक सूचना मिलने के बाद, एसटीएफ ने इन दोनों को लखनऊ के गऊ घाट इलाके के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से आधार कार्ड, मोबाइल फोन, एक कार और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो उनके अपराध में सहायक साबित हो रहे हैं।
ठगी के शिकार हुए पीड़ितों में बेरोजगार युवक और सरकारी नौकरी की तलाश करने वाले लोग शामिल थे। ये ठग उनकी इच्छा का फायदा उठाकर उनसे पैसे वसूलते थे। कई पीड़ितों ने इन ठगों के झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा दी। इस गिरफ्तारी से यह साफ संदेश गया है कि प्रदेश में ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यूपी एसटीएफ ने जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि कोई भी व्यक्ति अगर नौकरी या सरकारी लाभ के लिए किसी अनजान शख्स पर भरोसा करता है, तो उसे सावधान रहना चाहिए। एसटीएफ ने अपील की है कि ऐसे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के बारे में तुरंत पुलिस को सूचित किया जाए। इसके अलावा, एसटीएफ ने स्पष्ट किया कि सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की नौकरी या लाभ के लिए सीधे संपर्क करने की कोई नीति नहीं है।