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संभल में विवादित जामा मस्जिद के पास कब्रिस्तान की जमीन की पैमाइश पूरी, अवैध कब्जों पर सख्त कार्रवाई के संकेत

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Posted On:Tuesday, December 30, 2025

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में विवादित जामा मस्जिद के पास स्थित कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर चल रही जांच में प्रशासन ने एक अहम कदम उठाया है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कब्जाई गई जमीन की पैमाइश पूरी कर ली गई है। यह पूरी कार्रवाई RAAF-PAC की सुरक्षा में जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई की मौजूदगी में संपन्न हुई। पैमाइश के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए ड्रोन कैमरों से पूरे इलाके की निगरानी की गई, वहीं पुलिस और RAAF-PAC की टीमों ने इलाके में फ्लैग मार्च भी किया।

इस पैमाइश अभियान में कुल 29 राजस्व अधिकारियों को लगाया गया था। टीम का नेतृत्व तहसीलदार धीरेंद्र सिंह ने किया। राजस्व अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर कब्जाई गई करीब 8 बीघा जमीन पर बने मकानों और दुकानों की फीते से सटीक पैमाइश की। खास बात यह रही कि आला अधिकारी खुद मौके पर मौजूद रहे और एक-एक मकान व दुकान की नापजोख अपने सामने करवाई, ताकि किसी भी तरह के संदेह या विवाद की गुंजाइश न रहे।

पैमाइश के दौरान जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने जमीन पर कब्जा कर रहे लोगों से बातचीत भी की। उनसे संबंधित दस्तावेजों और जानकारी के बारे में पूछा गया। इस दौरान जामा मस्जिद से जुड़े रिकॉर्ड में दर्ज प्राचीन नक्शे को भी देखा गया, जिसमें संबंधित भूमि को स्पष्ट रूप से कब्रिस्तान की जमीन के रूप में दर्शाया गया है। प्रशासन का कहना है कि रिकॉर्ड और मौके की स्थिति के बीच अंतर सामने आने के बाद ही विस्तृत जांच का फैसला लिया गया।

जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने जानकारी दी कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस जमीन पर अवैध रूप से 22 मकान और दुकानें बनाई गई हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक जांच कमेटी का गठन किया है, जिसे 7 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। यह कमेटी जमीन पर बने मकानों और दुकानों के स्वामित्व से जुड़े सभी दस्तावेजों की गहन जांच करेगी।

प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अगर जांच में अवैध कब्जा साबित होता है तो कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रशासन का रुख पूरी तरह स्पष्ट है—यदि शिकायत सही पाई गई तो बुलडोजर चलाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि, अंतिम कार्रवाई से पहले सभी पक्षों को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाएगा।

जांच प्रक्रिया के तहत दुकान और मकान मालिकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने वैध दस्तावेज जांच कमेटी के सामने पेश करें। आगे की कार्रवाई तहसीलदार की कोर्ट में दस्तावेजों की जांच के आधार पर की जाएगी। जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगा और उसे संबंधित कोर्ट में पेश किया जाएगा, ताकि कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

फिलहाल, संभल में इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। यह कार्रवाई न सिर्फ अवैध कब्जों पर रोक लगाने की दिशा में अहम मानी जा रही है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि सार्वजनिक और धार्मिक महत्व की जमीनों पर किसी भी तरह के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


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