ताजा खबर
क्रैश होने के बाद नहीं मिल रहा ईरानी प्रेसिडेंट का हेलीकाॅप्टर, तलाश में जुटी 40 टीमें   ||    फिलीपींस की मेयर पर लगा चीन की जासूस होने का आरोप, कुंडली निकालने में जुटी जांच एजेंसियां   ||    Iran President Helicopter Crash: हेलीकॉप्टर क्रैश में इब्राहिम रईसी की मौत होने की आशंका   ||    हेलीकॉप्टर क्रैश में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत, विदेश मंत्री भी नहीं रहे   ||    क्या ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर क्रैश में मोसाद का हाथ?   ||    पर्सनल लोन होने के बाद भी और पैसा चाहिए? बैलेंस ट्रांसफर करेगा मदद, जानें- क्या हैं इसके फायदे और नु...   ||    Petrol Diesel Price Today: सोमवार को कितने रुपये लीटर मिल रहा है पेट्रोल-डीजल? जानें ईंधन के रेट   ||    नहीं बिकेगा हल्दीराम ब्रांड! प्रमोटर्स बोले- ऑफर से खुश नहीं हैं हम   ||    IPL 2024: पहले किया क्वालीफाई… अब बारिश ने दिया RCB को बड़ा तोहफा, आसान हुई आगे की राह   ||    IPL 2024: RR ने कैसे तय किया अर्श से फर्श तक का सफर, आखिरी 5 मैचों से जारी है जीत की तलाश   ||   

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बढ़ती कैदियों की संख्या की समस्या का समाधान है ओपन जेल, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Thursday, May 9, 2024

मुंबई, 09 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ओपन जेल की बनाने से जेलों में बढ़ती कैदियों की संख्या की समस्या का समाधान हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि ओपन या सेमी ओपन जेल कैदियों को दिनभर जेल परिसर से बाहर काम करने और शाम वापस जेल में लौटने का ऑप्शन देती है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि ओपन जेल कैदियों को समाज में घुलने-मिलने और उनके साइकोलॉजिकल प्रेशर को कम करने में भी मदद करेगी। साथ ही कैदियों की आजीविका में भी सुधार करेगा। जेल और कैदियों की हालत से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा दौर में राजस्थान में ओपन जेल की व्यवस्था पर अच्छे ढंग से काम हो रहा है। कोर्ट चाहता है कि देशभर में ओपन जेल का विस्तार हो। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले के माध्यम से हम अन्य अदालतों में चल रहे जेल और कैदियों से जुड़ें लंबित मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

तो वहीं, सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि एजेंसी ने ओपन जेल को लेकर सभी राज्यों से उनके विचार मांगे थे। इस पर अब तक 24 राज्यों ने अपना जवाब भेजे हैं। मामले में न्यायमित्र (एमिकस क्यूरे) के तौर पर काम कर रहे सीनियर वकील विजय हंसारिया ने कैदियों में लॉ अवेयरनेस की कमी का हवाला देते हुए कहा कि दोषियों को बताया नहीं जाता कि वे कानूनी सेवा प्राधिकरण के जरिए अपीलीय अदालतों में जाकर अपने मामले से जुड़ी कमियों को दूर करवा सकते हैं और सजा से बच सकते है। हंसरिया के इस तर्क पर कोर्ट ने देश में यूनिफॉर्म ई- प्रिजन मॉड्यूल की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि ई प्रिजन मॉड्यूल इस तरह की समस्याओं को आसानी से निपटाया जा सकता है। कोर्ट ने NALSA के वकील और सीनियर वकील विजय हंसारिया से मामले में आगे भी न्यायमित्र के तौर पर कोर्ट की सहायता करने का अनुरोध किया है। मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी।


लखनऊ और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Lucknowvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.