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Live Weather Updates: बेंगलुरु में मानसून से पहले भारी बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त, कहां-कैसा रहेगा मौसम?

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Posted On:Wednesday, May 21, 2025

बेंगलुरु में मानसून से पहले हुई भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। यह बारिश इतनी तीव्र और जबरदस्त थी कि शहर में जलभराव, सड़कें जलमग्न हो जाना और आवागमन में भारी बाधाएं उत्पन्न हो गईं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भी इस बार मौसम को लेकर कई बार चेतावनी जारी की है और रविवार 25 मई तक बारिश के जारी रहने की संभावना जताई है। खास बात यह है कि रविवार शाम से सोमवार सुबह तक महज 12 घंटों में बेंगलुरु में 130 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई, जो पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड तोड़ती है।

बेंगलुरु में बारिश का तांडव और उसकी वजह

आईएमडी के अनुसार अरब सागर के ऊपर बने एक चक्रवाती परिसंचरण ने दक्षिण और पश्चिम भारत के कई राज्यों में भारी बारिश का कारण बना। इसके चलते कर्नाटक सहित तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गोवा जैसे राज्यों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। बेंगलुरु में इस प्री-मानसून बारिश ने न सिर्फ लोगों के रोजमर्रा के कामकाज को प्रभावित किया बल्कि कई इलाकों में आवागमन पूरी तरह ठप हो गया।

विशेष रूप से राजधानी के प्रमुख बाजार, कार्यालय और स्कूल बंद रहे, जिससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं। जलभराव के कारण कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई और यातायात जाम की स्थिति बन गई। इसी बीच, शहर प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने भी हाई अलर्ट जारी कर दिया है ताकि जरूरतमंदों को राहत पहुंचाई जा सके।

आईएमडी की चेतावनी और आगामी स्थिति

आईएमडी ने 20 से 23 मई के बीच अरब सागर में बने चक्रवात की वजह से भारी बारिश की संभावना जताई थी, जो दक्षिण भारत के कई हिस्सों में देखी गई। कर्नाटक के कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें बेंगलुरु भी शामिल है। आईएमडी का अनुमान है कि बारिश का दौर अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है, खासकर 25 मई तक। इस दौरान लोगों को सावधानी बरतने और बाहर अनावश्यक जाने से बचने की सलाह दी गई है।

आईएमडी ने बेंगलुरु में येलो अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि अधिकतम तापमान लगभग 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। हालांकि तापमान कम होने से राहत जरूर मिलेगी, लेकिन भारी बारिश के कारण जलभराव और अन्य परेशानियां जारी रहेंगी।

अन्य राज्यों की प्री-मानसून गतिविधियां

बेंगलुरु के अलावा मध्य प्रदेश के कई जिलों में भी प्री-मानसून की सक्रियता बढ़ गई है। खजुराहो में दिन का पारा 45.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे लोगों को उमस और गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। भोपाल, नर्मदापुरम, मालवा-निमाड़ और महाकौशल संभागों के कई जिलों में हल्की-फुल्की बारिश भी हुई है। बुंदेलखंड, विंध्य, ग्वालियर और चंबल क्षेत्रों में तेज गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया है। आने वाले चार-पांच दिनों में इन इलाकों में भी प्री-मानसून की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है।

गोवा में बारिश और उड़ानों पर असर

गोवा में भी भारी बारिश का दौर जारी है, जिसका असर स्थानीय और आगमन/जाने वाली उड़ानों पर पड़ा है। कई एयरलाइंस ने यात्रियों को अलर्ट करते हुए एडवाइजरी जारी की है कि वे फ्लाइट की स्थिति पर नजर रखें।

बारिश के कारण शहर में आई समस्याएं

बेंगलुरु की भारी बारिश के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा है:

  • जलभराव और यातायात जाम: कई प्रमुख मार्ग जलमग्न हो गए, जिससे लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया।

  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रभावित: बस और मेट्रो सेवा में देरी और रद्दीकरण हुआ।

  • शिक्षा संस्थान बंद: कई स्कूल-कॉलेज बारिश के कारण बंद रहे।

  • बिजली कटौती: कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।

  • स्वास्थ्य संबंधी जोखिम: ठहरी हुई बारिश का पानी मच्छर जनित बीमारियों को बढ़ावा दे सकता है।

प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य

शहर प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम ने बारिश के मद्देनजर हरकत में आकर राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। जलभराव वाले इलाकों में ड्रेनेज साफ़ करने, राहत शिविर स्थापित करने और प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता देने का काम तेजी से चल रहा है।

पुलिस और ट्रैफिक विभाग ने भी शहर में ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात किया है ताकि आवागमन बेहतर हो सके।

लोगों के लिए सुझाव

  • भारी बारिश के दौरान बाहर निकलने से बचें।

  • बिजली उपकरणों को सुरक्षित रखें।

  • जलभराव वाले इलाकों में सावधानी बरतें और स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

  • बारिश की वजह से फंसे हुए यात्रियों को एयरलाइंस या स्थानीय प्रशासन की मदद लें।

निष्कर्ष

बेंगलुरु में इस बार की भारी बारिश ने मानसून आने से पहले ही मौसम की कड़कट दिखा दी है। अरब सागर में चक्रवात बनने के कारण इस बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और जनजीवन को प्रभावित किया है। आईएमडी की जारी चेतावनी के मुताबिक बारिश अभी थमने वाली नहीं है, जिससे प्रशासन और नागरिकों दोनों के लिए सतर्क रहने की जरूरत है।

मानसून के इस शुरुआती दौर में मौसम की ये मारक स्थितियां प्राकृतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, लेकिन साथ ही ये हमें मौसम के प्रति सजग रहने की सीख भी देती हैं। बारिश के बावजूद उम्मीद की जा सकती है कि जलभराव से हुई परेशानी जल्द ही कम होगी और लोगों का सामान्य जीवन पटरी पर लौटेगा।

इस बीच, बारिश से बचाव और सुरक्षा उपाय अपनाकर हम इस प्राकृतिक आपदा का सामना बेहतर तरीके से कर सकते हैं।


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