देश की सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क का खुलासा किया है, जिसने सबको चौंका दिया है। इस नेटवर्क में शामिल होने के आरोप में कई डॉक्टरों को भी गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने दो अलग-अलग अभियानों में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े कम से कम चार डॉक्टरों और उनके कई सहयोगियों को हिरासत में लिया है। सफेदपोश और शिक्षित होने के बावजूद इन लोगों की काली करतूतें सामने आने के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियों के बीच हड़कंप मच गया है।
देशव्यापी आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश
यह संयुक्त कार्रवाई जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के पुलिस बलों और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा मिलकर की गई। गिरफ्तारियाँ देश के कई हिस्सों से हुई हैं, जिससे पता चलता है कि यह नेटवर्क काफी व्यापक था।
गिरफ्तारियाँ और बरामदगी:
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फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर: अल फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल को जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया। मुजम्मिल पेशे से डॉक्टर है और करीब साढ़े तीन साल से फरीदाबाद में रह रहा था।
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लखनऊ की महिला डॉक्टर: लखनऊ की एक महिला डॉक्टर डॉ. शाहीन को भी आतंकी मॉड्यूल में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उसकी गाड़ी से एक एके-47 राइफल बरामद की गई है।
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अन्य गिरफ्तारियाँ: डॉ. शाहीन को सात अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया है, जिसमें फरीदाबाद से गिरफ्तार कश्मीरी डॉक्टर मुजम्मिल गनई भी शामिल है। डॉ. शाहीन को हिरासत में पूछताछ के लिए श्रीनगर ले जाया गया है।
देश को दहलाने की बड़ी साजिश
गिरफ्तारियों के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री जब्त की है, जो देश को दहलाने की बड़ी साजिश की ओर इशारा करती है:
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विस्फोटकों की भारी खेप: अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तारियों के दौरान कुल 2,900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक जब्त किया गया। इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक जब्त होना एक अत्यंत गंभीर मामला है।
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हथियार और अन्य सामग्री: एक आरोपी के पास से राइफलें, पिस्तौलें, और अन्य खतरनाक सामग्री बरामद की गई। गुजरात में हुई गिरफ्तारियों में जहर बनाने का सामान और पिस्तौलें बरामद हुईं।
जब्त की गई सामग्री और गिरफ्तारियों से जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) तथा अंसार गजवत-उल-हिंद (Ansar Ghazwat-ul-Hind) जैसे पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों से जुड़े एक "सफेदपोश नेटवर्क" का खुलासा हुआ है।
पुलवामा की गिरफ्तारी से हुआ खुलासा
यह पूरी कार्रवाई पुलवामा के एक डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई, जिस पर पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद समूह से संबंध होने का संदेह था। इस शुरुआती गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को इस व्यापक नेटवर्क की कड़ियाँ जोड़ने में मदद की, जिसमें उच्च शिक्षित पेशेवरों, खासकर डॉक्टरों की संलिप्तता सामने आई।
पेशेवर डॉक्टरों का आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना एक बेहद चिंताजनक प्रवृत्ति है। यह दर्शाता है कि आतंकी संगठन अब केवल अशिक्षित या बेरोजगार युवाओं को ही नहीं, बल्कि समाज के प्रतिष्ठित और शिक्षित वर्गों को भी निशाना बना रहे हैं ताकि वे अपनी गतिविधियों को गुप्त रूप से चला सकें। इन डॉक्टरों के पास चिकित्सा ज्ञान के कारण, विस्फोटक बनाने या घातक रसायनों का इस्तेमाल करने की क्षमता भी हो सकती है, जो इन्हें और भी खतरनाक बनाती है।