नई दिल्ली: 10 नवंबर की शाम दिल्ली के लाल किले के पास एक चलती कार में हुए भीषण धमाके ने राष्ट्रीय राजधानी को एक बार फिर दहशत में डाल दिया है। इस कथित आतंकी धमाके के बाद से ही दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। इस दर्दनाक घटना में मरने वालों की संख्या अब तक 12 हो चुकी है, जबकि लगभग 25 लोग घायल हुए हैं।
यह धमाका दिल्ली के सबसे भीड़-भाड़ वाले और ऐतिहासिक इलाकों में से एक, लाल किले के करीब हुआ, जिसने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। धमाके की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आस-पास के कई वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और लोगों के बीच भगदड़ मच गई। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और इसे भारत के मुख्य आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज किया गया है। शुरुआती जांच में सभी संभावित कोणों, जिसमें आतंकी हमला भी शामिल है, की पड़ताल की जा रही है।
छापेमारी जारी, लोगों में कायम है दहशत
घटना के बाद से ही दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूरी मुस्तैदी से काम कर रही हैं। संदिग्ध ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है और घटना से जुड़े हर सुराग को खंगाला जा रहा है। पुलिस का मुख्य ध्यान उस कार के अंतिम मूवमेंट पर है जिसमें विस्फोट हुआ था। हालांकि, इतने बड़े ऑपरेशन के बावजूद, लाल किले के पास हुए इस 'ब्लैक मंडे' की दहशत अभी भी दिल्ली के लोगों के मन में बनी हुई है।
इस बढ़े हुए तनाव और डर का एक उदाहरण 13 नवंबर की सुबह देखने को मिला। सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर दमकल विभाग को एक कॉल मिली। कॉल करने वाले व्यक्ति ने महिपालपुर में रेडिशन होटल के पास एक तेज धमाके की सूचना दी, जिसके बाद सुरक्षा और बचाव टीमें तुरंत मौके के लिए रवाना हो गईं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची।
टायर फटने की आवाज को समझा गया धमाका
मौके पर गहन जांच के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने राहत की सांस ली। पुलिस ने बाद में खुलासा किया कि तेज आवाज किसी विस्फोटक धमाके की नहीं थी। पुलिस के मुताबिक, यह आवाज एक बस का टायर फटने से हुई थी। धमाके की घटना के कारण लोगों में इतनी अधिक घबराहट है कि टायर फटने जैसी सामान्य घटना को भी उन्होंने आतंकी हमला समझ लिया और तुरंत इसकी सूचना दी।
यह घटना दर्शाती है कि 10 नवंबर के कार धमाके ने दिल्ली के निवासियों के मन में कितना गहरा खौफ पैदा कर दिया है। इस समय, सुरक्षा एजेंसियों के लिए न केवल दोषियों को पकड़ना महत्वपूर्ण है, बल्कि जनता के बीच विश्वास बहाल करना और यह सुनिश्चित करना भी एक बड़ी चुनौती है कि राजधानी में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनी रहे। जांच जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही इस आतंकी घटना के पीछे के मास्टरमाइंड को बेनकाब किया जाएगा।