सूरत, 10 फरवरी ( न्यूज हेल्पलाइन ) क्रिप्टोकरेंसी देने के बहाने से हैदराबाद के व्यापारी को सूरत बुलाकर दो करोड़ रुपए की लूट को अंजाम देने वाले 3 लोगों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। वराछा में मामला दर्ज होने के बाद से क्राइम ब्रांच को जांच सौंप दी गई थी जिसके बाद जांच में यह पता चला आरोपियों द्वारा पहले से ही योजना बनाकर यह कृत्य किया गया है। वराछा सेंट्रल बाजार की श्री सिद्धि एंटरप्राइजेज नाम से अंगड़िया पेढ़ी ऑफिस बनाकर उसमें हैदराबाद से शिकायतकर्ता विनय जैन को क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्ट करने के लिए बड़ी रकम के साथ बुलाया गया। आरोपियों ने लूटने का इरादा बना रखा था जिसके बाद आरोपी शाहरुख वोहरा द्वारा ऑफिस का संचालन किया गया। दूसरे आरोपी पिंटू कुमार उर्फ पीके झा के इशारे पर आरोपी सुमन सिंह अंगाडिया के ऑफिस आया। इसके बाद शिकायतकर्ता विनय के क्रिप्टो वॉलेट में क्रिप्टोकरंसी ट्रांसफर हो जाने का झूठा स्क्रीनशॉट दिखाया। लेकिन उसके अकाउंट में क्रिप्टोकरंसी ट्रांसफर नहीं हुई थी और आरोपियों ने योजना के तहत उसके साथ झड़प की जिसके बाद अन्य आरोपियों द्वारा दो करोड़ों की लूट कर सभी वहां से भाग गए। मामला दर्ज होने के बाद क्राइम ब्रांच ने बिहार के मधेपुरा जिले के मूल निवासी और दिल्ली के मयूर विहार में रहने वाले 36 वर्षीय सुमन सिंह, आनंद जिले के मूलनिवसी और बड़ौदा के तंदेलजा इलाके में रहने वाले 27 वर्षीय शाहरुख वोरा तथा बिहार के सीतामढ़ी के मूल निवासी और साउथ दिल्ली में रहने वाले 36 वर्षीय पिंटू कुमार उर्फ पीके झा को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया और 17 फरवरी तक पुलिस को उनकी रिमांड मिली है।
ज्ञातव्य हो कि 4 फरवरी को विनय जैन को क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करने के नाम पर सूरत बुलाया गया था वहां उससे दो करोड़ रुपए लेकर मारपीट की और करंसी भी ट्रांसफर नहीं की। सभी आरोपी फरार हो गए थे। घटना के अगले दिन वराछा पुलिस स्टेशन में डकैती का मामला दर्ज हुआ था। शिकायतकर्ता ने बताया था कि करीब 10 लोगों ने मिलकर उसके साथ मारपीट की थी और पैसे लेकर भाग गए थे।
15 दिन से बना रहे थे प्लान
क्रिप्टो करेंसी व्यापार में मुनाफा देखकर शिकायतकर्ता विनय जैन ने अपने दोस्त लक्ष्मीनारायण से यह बात की थी। लक्ष्मी नारायण आरोपी पीके झा को जानता था कि वह क्रिप्टोकरंसी में डीलिंग करता है। जिसके बाद उसने पीके झा से बिना की मुलाकात हैदराबाद नहीं करवाई थी। और पैसा इन्वेस्ट करने के लिए कर एक अंगड़िया पेढ़ी भी इन्होंने फर्जी तौर पर वराछा में शुरू किया।
कभी कोई क्रिप्टो में डीलिंग नहीं
जांच अधिकारी क्राइम ब्रांच पुलिस इंस्पेक्टर ललित वगड़िया ने बताया कि आरोपी पीके झा द्वारा कभी भी क्रिप्टो करेंसी में डीलिंग नहीं की गई थी। वह बस लोगों को बताने के लिए खुद को बहुत बड़ा डीलर बता दो था जिसके झांसी लक्ष्मी नारायण आ गया था और उसने ही विनय जैन को पीके झा के बारे में बताया था। बस शिकायतकर्ता को यह दिखाने के लिए कि पैसा उसे अंगड़िया पेढी में देना है इसीलिए उन्होंने 15 से 20 दिन पहले ही ओ से शुरू करवाई थी वह पूरी फर्जी है।
बना रखा था लोकल सपोर्ट
मिली जानकारी के मुताबिक तीनों आरोपियों में से दो बिहार से हैं और एक बड़ौदा से लेकिन व्यापारी को सूरत बुलाने का कारण यही था कि उन्होंने अपने अपने मूल निवास से अलग जाकर लोगों सपोर्ट बनाया था। इसलिए सूरत में डकैती को अंजाम देना आसान था।
पुणे से पकड़ा गया पीके झा
मिली जानकारी के मुताबिक क्राइम ब्रांच को तकनीकी तौर पर या पता चला था कि पीके झा महाराष्ट्र की तरफ भागा है जिसके बाद उसका सर्विलेंस के आधार पर पुलिस ने उसे पुणे से गिरफ्तार किया। शाहरुख को बड़ौदा से और सुमन सिंह को सूरत से ही पकड़ा। इंस्पेक्टर ने बताया कि इन तीनों का कोई बैकग्राउंड नहीं है फिलहाल लेकिन यह लोग कोई काम भी नहीं करते हैं केवल चीटिंग करने के लिए किसी ना किसी को ढूंढ रहे थे।