मास्को (रूस), 9 मार्च (न्यूज़ हेल्पलाइन) यूक्रेन के ऊपर एकतरफा हमले (Ukraine Russia War) के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पश्चिमी देशों के इस अभियान में पश्चिमी देशों की कंपनियां भी साथ दे रही है। इस कड़ी नें Pepsi के बाद अब Coca-Cola कंपनी ने रूस में अपने बिजनेस को किया स्थगित कर दिया है।
कोका-कोला कंपनी ने रूस में अपने कारोबार को यह कहते हुए निलंबित कर दिया कि हमारा दिल उन लोगों के साथ है जो यूक्रेन में इन दुखद घटनाओं से अचेतन प्रभाव झेल रहे हैं। इससे पहले पेप्सिको (Pepsi) ने रूस में पेप्सी-कोला (Coca-Cola) और अन्य वैश्विक पेय ब्रांडों के उत्पादन और बिक्री को निलंबित करने की घोषणा कर दी थी।
कल 8 मार्च को पेट्रोलियम कंपनी शेल (Shell) ने भी सभी रूसी तेल और गैस बिजनेस से हटने के इरादे की घोषणा की थी। Shell ने अपनी घोषणा में कहा था कि नए सरकार के मार्गदर्शन के साथ गठबंधन किया। तत्काल पहले कदम के रूप में, हम रूस में कच्चे तेल, बंद सर्विस स्टेशनों, विमानन ईंधन और स्नेहक संचालन की सभी स्पॉट खरीद को रोक देंगे।
विश्व के लगभग 10% पेट्रोलियम क्रूड ऑयल के उत्पादक देश रूस के लिए यह एक बहुत बड़ा झटका था। खबरे तो यहां तक आ रही है कि युद्ध से उत्पन्न आर्थिक जरूरतों की पूर्ति के लिए रूस सस्ते दरों ओर भारत सहित कई देशों को पेट्रोलियम क्रूड ऑयल (crude oil price) देने को भी राजी है।
कल 8 मार्च को ही रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों के श्रृंखला में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन (Joe Biden) ने घोषणा की थी कि हम रूसी गैस, तेल और ऊर्जा के सभी आयातों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।
यूरोपीय आयोग (European Commission) के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भी RePowerEU के शीर्षक के साथ कल 8 मार्च को घोषणा की थी कि हमारी गैस आपूर्ति में विविधता लाएगा, नवीकरणीय रोल-आउट को गति देगा, ऊर्जा दक्षता में सुधार करेगा और गैस को हीटिंग और पावर में बदल देगा। यह वर्ष के अंत से पहले रूसी गैस की हमारी मांग को 2/3 तक कम कर सकता है।
पश्चिमी देशों के इन आर्थिक प्रतिबंधों का रूस पर क्या असर होता है, यह आने वाले दिनों में ही ज्ञात होगा। मगर रूस के हमलों से जो त्रासदी हो रही है, वह यूक्रेन सहित पूरी दुनिया के लिए हर मामले में घातक सिद्ध हो रहा है।