ताजा खबर
पहले तलाक में मिले अरबों, अब इस्तीफा देने पर मिलेंगे 100000 करोड़, अरबपति पति-पत्नी के बीच प्यार भरा...   ||    पुतिन ने Professor Doomsday को बनाया अपना दायां हाथ, दे चुका है यूरोप पर परमाणु हमले की सलाह   ||    Aliens से लेकर Gold Train तक… आज भी अनसुलझी हैं दूसरे विश्व युद्ध की 5 अनोखी Mysteries   ||    Baltimore Bridge Collapse: हादसे की जांच तेज, FBI ने जब्त किए भारतीय चालक दल के फोन   ||    अमेरिका की धमकी, ईरान से दूर रहें, नहीं तो…चाबहार बंदरगाह डील से बौखलाए देश की प्रतिबंधों की चेतावनी   ||    PoK में आधी रात को लगे ‘आजादी’ के नारे, अब तक 3 की मौत..Indian Army से लोग लगा रहे मदद की गुहार   ||    भारत की अनदेखी एलन मस्क को कर सकती है बर्बाद, भारतीय-अमेरिकी बिजनेसमैन ने चेताया   ||    Petrol Diesel Price Today: कहां सस्ता, कहां महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल?   ||    ट्रेन का टॉयलेट गंदा है तो RailMadad ऐप से कैसे करें शिकायत? भारतीय रेलवे तुरंत लेगा एक्शन   ||    GT Vs KKR: ‘जर्सी का पैसा बर्बाद…’ मैच रद्द होने पर आई मीम्स की बारिश   ||   

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व सैनिकों की हो गणना सत्तापक्ष और विपक्षी दलों को भेजा ज्ञापन

लखनऊ। जातिगत जनगणना के साथ देश की आजादी और सुरक्षा के लिये अपनों का बलिदान देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व सैनिकों की गणना का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। इस सम्बन्ध में देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित सभी विपक्षी राजनीतिक दलों को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और शहीद परिवार संगठन यूपी की ओर से ज्ञापन भेजा गया है। 

इस मुद्दे पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अनुभव शुक्ला का कहना है कि भारत वर्ष सैकड़ों वर्ष विदेशी हुकूमतों का गुलाम रहा है । देश को स्वतंत्र कराने के लिये सन् 1857 से 1947 तक स्वतंत्रता संग्राम चला। इस स्वतंत्रता संग्राम में लाखों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना योगदान दिया। उन्होंने अपने शैक्षणिक, सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक स्थिति की परवाह किये बिना भारत को स्वतंत्र कराया।

स्वतंत्रता संग्राम में विभिन्न जातियों, सम्प्रदाय, धर्म व रियासतों ने योगदान दिया जो कि इतिहास में मौजूद है। अब जब देश में जातिगत जनगणना कराये जाने की तैयारी की जा रही है, तो ऐसे में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं शहीद परिवार संगठन की मांग है कि सन् 1857 से 1947 तक भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में जिन जातियों, धर्मों, सम्प्रदायों रियासतों के लोगों ने योगदान दिया था, उन लोगों के सम्बन्ध में जानकारी होना नितांत आवश्यक है। इससे उनकी आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक, शैक्षणिक स्थिति का पता चल सकेगा। जनगणना कराने में एक अलग से कॉलम निर्धारित किये जाने से भारत सरकार पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा।

Posted On:Friday, September 3, 2021


लखनऊ और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Lucknowvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.