उत्तर कोरिया आज कल अपने एक के बाद एक किये जाने वाले मिसाइल परीक्षण को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है. ऐसे में उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि उसने मंगलवार को ह्वासोंग-8 नामक एक नई हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है.
सरकारी मीडिया ने कहा कि नई मिसाइल पांच साल की सैन्य विकास योजना में निर्धारित "पांच सबसे महत्वपूर्ण" नई हथियार प्रणालियों में से एक थी. उन्होंने मिसाइल को "रणनीतिक हथियार" कहा, जिसका आमतौर पर मतलब है कि इसमें परमाणु क्षमताएं हैं. मंगलवार का लॉन्च कड़े प्रतिबंधों के बीच प्योंगयांग की बढ़ती हथियारों की टेक्नोलॉजी का एक और संकेत है.
उत्तर कोरियाई राज्य समाचार आउटलेट केसीएनए ने कहा, "इस हथियार प्रणाली का विकास...[बढ़ी हुई] आत्मरक्षा के लिए देश की क्षमताओं में हर तरह से वृद्धि की तरह है."
मंगलवार के लॉन्च में उत्तर कोरिया ने पहली बार मिसाइल ईंधन की शीशी पेश की - जिसे उत्तर कोरिया के विश्लेषक अंकित पांडा ने "महत्वपूर्ण मील का पत्थर" बताया है.
यह एक ऐसी तकनीक है जो मिसाइलों को पूर्व-ईंधन भरने और फिर कनस्तरों में मैदान में भेजने की अनुमति देती है. इसका मतलब है कि यह संभावित रूप से वर्षों तक लॉन्च के लिए तैयार रह सकता है.
नवीनतम लॉन्च ने इस महीने देश के तीसरे मिसाइल परीक्षण को भी चिह्नित किया है. इसने पहले ही एक नए प्रकार की क्रूज मिसाइल, साथ ही एक नई ट्रेन द्वारा लॉन्च की गई बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली का खुलासा किया है.
कल का लॉन्च उस समय हुआ जब उसके उत्तर कोरियाई दूत किम सोंग ने न्यूयॉर्क में वार्षिक संयुक्त राष्ट्र महासभा में हथियार विकसित करने के देश के अधिकार का बचाव किया.
किम जॉन्ग उन ने कहा कि देश "अपनी रक्षा के लिए अपनी राष्ट्रीय रक्षा का निर्माण कर रहा है और देश की सुरक्षा और शांति की मज़बूती से रक्षा कर रहा है."