Pakistan, 13 Aug, 2021 न्यायमूर्ति आयशा मलिक पाकिस्तान की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनने के लिए तैयार हैं। दरअसल, अपने पद से जल्द निवर्तमान होने वाले सीजेपी मुशीर आलम ने आयशा के नाम की सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए सिफारिश की है। न्यायमूर्ति आलम 17 अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाले हैं और इस तरह से एक न्यायिक समिति आयशा को अदालत के न्यायाधीश के शीर्ष दावेदारों में से एक मान रही है। आयशा वर्तमान में लाहौर उच्च न्यायालय में हैं और वरिष्ठता सूची में चौथे स्थान पर उनकी जगह देखी जा रही है।
आयशा ने अपनी बुनियादी शिक्षा पेरिस और न्यूयॉर्क के स्कूलों से पूरी की और लंदन के फ्रांसिस हॉलैंड स्कूल फॉर गर्ल्स से ए-लेवल किया है।
2019 में, आयशा लाहौर में महिला न्यायाधीशों की सुरक्षा के लिए समिति के अध्यक्ष बनी। पैनल का गठन उसी वर्ष जिला अदालतों में वकीलों द्वारा महिला न्यायाधीशों के प्रति गुंडागर्दी के खिलाफ किया गया था। इतना ही नहीं, वह महिलाओं के लिए समानता और न्याय के माध्यम से महिला सशक्तिकरण की पहल, द इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ विमेन जज (IAWJ) का भी हिस्सा हैं।
जनवरी में, मलिक ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया जिसमें उन्होंने यौन उत्पीड़न से बचे लोगों पर टू-फिंगर और हाइमन टेस्ट को "अवैध और पाकिस्तान के संविधान के खिलाफ" घोषित किया था।